भोपाल, जून 2016/ क्या जमाना है भाई! लोग कैसी कैसी मांगे लेकर सामने आने लगे हैं। अब मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों ने सरकार के सामने मांग रखी है कि वह निसंतान कर्मचारियों को संतान पैदा करने के लिए आई आधुनिक चिकित्सा पद्धति के तहत सहायता मुहैया कराए।
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अरुण द्विवेदी और महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बाकायदा इसके लिए सरकार को पत्र लिखा है। इनका कहना है कि संतानहीन सरकारी कर्मचारियों को चिकित्सा नियमों के तहत यह सुविधा दी जानी चाहिए ओर इसका खर्च सरकार उठाए।
दरअसल कर्मचारियों ने इस मांग का आधार स्वास्थ्य विभाग के उस आदेश को बनाया है जिसमें निसंतान बी.पी.एल. दंपतियों को राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत संतान प्राप्ति हेतु उपचार की सुविधा देने की बात कही गई है। दो चरणों वाली इस सुविधा का खर्च 1 लाख 15 हजार रुपए है ।
कर्मचारी संघ का कहना है कि उनके चिकित्सा नियमों में इस तरह का प्रावधान न होने से संतान प्राप्ति के लिए कराए जाने वाले उपायों पर खर्च की गई राशि की प्रतिपूर्ति (reimbursement) नहीं की जाती है। इसका प्रावधान होने से उन्हें इसका खर्च भी मिल सकेगा और उनके परिवारों में भी किलकारी गूंज सकेगी।