दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत गत सप्ताह (25 अप्रैल से एक मई) देश भर के 104 गांवों का विद्युतीकरण कर दिया गया है.
केंद्रीय बिजली मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इन गांवों में मध्य प्रदेश के 10 गांव शामिल हैं. इसके अलावा से 17 गांव अरुणाचल प्रदेश, 17 असम, 16 झारखंड, 10 राजस्थान, चार बिहार, चार छत्तीसगढ़, 16 ओडिशा, चार मणिपुर, सात उत्तर प्रदेश और दो हिमाचल प्रदेश के हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन पर अमल करते हुए सरकार ने 1000 दिनों के भीतर एक मई, 2018 तक शेष 18,452 गैर-विद्युतीकृत गांवों में विद्युतीकरण का फैसला किया है. इस परियोजना को अभियान के रूप में शुरू किया गया है.
बयान के अनुसार, अभी तक 7,549 गांवों का विद्युतीकरण किया गया है. शेष बचे 10,903 गांवों में से 444 गांव गैर-आबाद (निर्जन) हैं. 7,059 गांवों को ग्रिड के माध्यम से विद्युतीकृत किया गया है. भौगोलिक बाधाओं के कारण 3,003 गांवों का ऑफ ग्रिड के जरिए विद्युतीकरण किया जाएगा और 397 गांवों में विद्युतीकरण राज्य सरकार करेगी.
बयान में कहा गया है कि अप्रैल 2015 से 14 अगस्त, 2015 के दौरान कुल 1654 गांवों का विद्युतीकरण किया गया और भारत सरकार द्वारा इसे अभियान के तौर पर लेने के बाद 15 अगस्त, 2015 से एक मई, 2016 तक अतिरिक्त 5895 गांवों में विद्युतीकरण किया गया है.
बयान के अनुसार, इस प्रक्रिया में अधिक तेजी लाने के लिए ग्राम विद्युत अभियंता (जीवीए) के जरिए बराबर निगरानी की जा रही है. इसके अलावा आरपीएम बैठक के दौरान मासिक प्रगति की समीक्षा और विद्युतीकरण में देरी वाले गांवों की पहचान भी नियमित रूप से की जा रही है.