गले न हम मिल पाए अबकी ईद में

राकेश अचल

गले न हम मिल पाए अबकी ईद में
मुंह से निकले हाय अबकी ईद में
*
दो गज की दूरी का अब फरमान है
रिश्ते कौन निभाए अबकी ईद में
*
गलती पकड़ न पाए लोग जमात की
फिर बेहद पछताए अबकी ईद में
*
मीलों चलकर भी मंजिल से दूर हैं
घर तक पहुंच न पाए अबकी ईद में
*
लगता है मालिक बेहद नाराज है
ढेरों सबक सिखाए अबकी ईद में
*
ईद मुबारक फिर भी अल्ला रहम करे
गम न किसी को सताए अबकी ईद में

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