नई दिल्ली/ अच्छे मानसून की खबरों ने खेती किसानी के साथ ही आर्थिक क्षेत्र के लिए भी उम्मीदें जगा दी हैं। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम विभाग ने जिस अच्छे मानसून का अनुमान लगाया है उसके मुताबिक यदि बारिश हो जाती है तो वित्ता वर्ष 2016-17 में भारत आठ प्रतिशत की विकास दर हासिल कर सकता है। यह पिछले कई सालों के बाद हासिल की जाने वाली सबसे अधिक विकास दर होगी। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास के अनुसार ब्याज दर और लेन-देन की लागत घटाकर भारत को और अधिक किफायती अर्थव्यवस्था बनाया जा सकता है।
दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अच्छे मानसून की खबर आर्थिक जगत के लिए नया उत्साह लेकर आई है। यदि यह भविष्यवाणी सच हुई तो भारतीय अर्थव्यवस्था आठ प्रतिशत विकास दर के आसपास पहुंच सकती है। एशियन डेवलपमेंट बैंक की वाषिर्क बैठक में भाग लेने गए दास ने कहा, ‘हम ढांचागत सुधार नीतियों को दोहरे लक्ष्य के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। पहला लक्ष्य है भारत को किफायती अर्थव्यवस्था बनाना। हम चाहते हैं कि लोगों को बेहतर वेतन और सुविधाएं मिलें। क्योंकि लोगों को कम वेतन मिलना किसी भी अर्थ व्यवस्था के किफायती या अच्छे होने की निशानी नहीं है। लोगों को अच्छा वेतन मिलना चाहिए ताकि वे बचत भी कर सकें और ज्यादा खर्च कर सकें।
‘’किफायती अर्थ व्यवस्था से हमारा तात्पर्य ऐसी स्थिति से है जहां ब्याज दरें घटें, करों की दर कम हो और संचालन तथा अर्थव्यवस्था में लेनदेन की लागत कम हो।‘’