बिस्तर पर लेटी 81 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने अपने 83 वर्षीय बुजुर्ग पति से कहा :
“सुनो .. मैंने अभी खिड़की से बाहर देखा और मुझे लगा कि गैरेज की लाइट जल रही है। क्या आप जाकर गैरेज की लाइट बंद कर देंगे?”
बुज़ुर्ग बड़ी मुश्किल से बिस्तर से उठे, दरवाज़ा खोला और बाहर आए तो देखा कि पाँच-छह चोर उनके गैरेज का दरवाज़ा तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
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बुजुर्ग ने वहीं से करीबी थाने को फोन किया।
“देखो … मेरा पता लिखो। हम घर पर केवल दो बुजुर्ग पति-पत्नी हैं। अभी पांच या छह चोरों ने मेरे गैरेज पर हमला किया है और गैरेज का दरवाज़ा तोड़ रहे हैं। जल्दी से एक पुलिस टीम भेजें”
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दूसरी तरफ से आवाज आई:
“हमने आपका पता लिख लिया है। चिंता न करें। अभी हमारी कोई टीम फ़्री नहीं है। जैसे ही किसी टीम से हमारा संपर्क हो जाता है मैं उन्हें आप के घर भेज दूंगा।”
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यह सुन कर वो बुजुर्ग मानो खून का घूंट पी कर रह गए। उधर चोर अभी भी उनके गैरेज का ताला तोड़ने में लगे हुए थे।
दो मिनट बाद, उन बुजुर्ग काका ने फिर से पुलिस स्टेशन फोन किया:
“सुनो … अब किसी को भेजने की जरूरत नहीं है। मैंने उन पांचों चोरों को गोली मार दी है…”
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थाने ने जैसे ही दुबारा बाया बुजुर्ग का यह फ़ोन सुना, अफरातफरी मच गई। पांच मिनट के भीतर पुलिस की एक टीम, एक हेलीकॉप्टर, दो पैरामेडिकल स्टाफ, दो डॉक्टर और दो एंबुलेंस के साथ उन बुजुर्ग के घर पर पहुँच गई। उन चोरों पर जल्द ही काबू पा कर पाँचों चोरों को गिरफ़्तार कर लिया गया। बाद में पुलिस टीम का प्रभारी बुजुर्ग काका के पास पहुँचा और बोला:
“आपने तो कहा था कि आपने उन पाँचों चोरों को गोली मार दी है, लेकिन हमने तो उन्हें ज़िंदा गिरफ़्तार किया है?”
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बुजुर्ग ने जवाब दिया : “और आपने भी तो कहा कि अभी आपकी कोई भी टीम फ्री नहीं है।”
Don’t underestimate senior citizens…