अजय बोकिल
दिल्ली की यह दर्दनाक घटना ‘लव जिहाद’ का अपोजिट वर्जन ही है। यहां प्रेमी हिंदू था और प्रेमिका मुसलमान। प्रेमी अंकित सक्सेना की, मोहब्बत के दुश्मनों ने सरेआम गला रेत कर हत्या कर दी। मानो वह कोई बलि का बकरा हो। अफसोस कि इस जघन्य हत्याकांड पर भी सियासी शहनाइयां बजने लगीं। सबको अपना-अपना फायदा दिखने लगा। जज्बात फिर हिंदू और मुसलमान में बंट गए। इसी नक्कारखाने में मृत अंकित के पिता की यह गुहार भी तूती बनकर कर रह गई कि वो किसी से बैर नहीं चाहते। वो तो बस इंसाफ चाहते हैं कि आखिर मेरे इकलौते बेटे का गुनाह क्या था?
राजनीति और धर्म की कुंजी के हिसाब से अंकित का गुनाह यही था कि उसने एक मुस्लिम लड़की से मोहब्बत की। उस लड़की का जुर्म भी यही था कि उसने एक हिंदू लड़के को अपना दिल दे दिया और दोनों शादी का ख्वाब देखने लगे। यानी एक ऐसा ‘अपराध’, जिसका अंजाम मौत ही था। यह हिला देने वाला वाकया दिल्ली के ख्याल थाना क्षेत्र के रघुवीर नगर का है, जहां दरिंदों ने 23 वर्षीय अंकित की उसकी मां के सामने ही गला काटकर हत्या कर दी।
अंकित फोटोग्राफर था और एक 20 वर्षीय मुस्लिम युवती से प्रेम करता था। युवती भी उसी इलाके की रहने वाली है। हालांकि इस प्रेम प्रकरण के दौरान उसका परिवार कहीं अन्यत्र रहने चला गया था। लेकिन उसके परिजनों का एक पार्लर इसी इलाके में था। मुस्लिम परिवार को दुकान किराए पर देने के लिए उसके मालिक को भी धमकियां मिल रही हैं।
अंकित की हत्या का आरोप उसकी प्रेमिका के परिजनों पर है। पुलिस का कहना है कि उसने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीडि़त परिवार से भेंट कर भरोसा दिलाया है कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए दिल्ली सरकार महंगा से महंगा वकील करेगी।
लेकिन इस भयंकर घटना पर भी सियासी निशाने साधे गए। ‘आम आदमी पार्टी’ के दुखी नेता कुमार विश्वास ने ट्वीट किया कि ‘कभी हिंदू, कभी मुस्लिम बना कर कत्ल करते हैं, पता करिए कि हत्यारों पे किसकी मेहरबानी है? हो रोहित वेमुला, अखलाक, चंदन या कि अंकित हो, हमारे हुक्मरानों की ज़लालत की कहानी है!’
‘आप’ के बागी नेता कपिल मिश्रा ने कुछ इसी अंदाज में केजरीवाल पर इस तरह निशाना साधा मानो उनका ही इसमें हाथ हो। कपिल ने ट्वीट कर कहा कि अगर अंकित का नाम अख़लाक़ हुआ होता, मेरे शहर का मालिक कल सारी रात न सोता। मौत की कीमत लाश का धर्म देखकर लगाते हैं, वो दिल्ली को ‘मुग़लिया’ अंदाज़ में चलाते हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया।
मुस्लिम समाज की ओर से घटना की कड़ी निंदा उसी खेमे से आई जिसे कई बार असहिष्णुता के कारण ट्रोल किया गया। मशहूर शायर जावेद अख्तर ने कहा कि अंकित सक्सेना की हत्या मजहबी नफरत का निकृष्टतम रूप है। इस हत्या से भारतीयों का सिर शर्म से झुक गया है। जावेद ने ट्वीट किया, ‘अंकित की निर्मम हत्या मजहबी नफरत का सबसे कुरूप चेहरा है।‘
क्रिकेटर मोहम्मतद कैफ ने कड़े शब्दों में इसकी भर्त्सना करते हुए ट्वीट किया कि ‘हम किस युग में जी रहे हैं? क्या कोई अपनी पसंद के व्यक्ति से प्यार और शादी नहीं कर सकता ? हत्यारों को शर्म आनी चाहिए और न्याय होना चाहिए। सबसे जरूरी बात कि यह मानसिकता बदलनी चाहिए। पीसफुल का ‘पी’ भी नहीं रहा।‘
चूंकि इस मामले में लड़का हिंदू था और लड़की मुस्लिम है। इसलिए उसे ‘लव जिहाद’ का रंग देना मुश्किल था। इस मामले की अखलाक से तुलना इसलिए गलत है कि वह तो बीफ रखने के शक में मार दिया गया था। दोनों में समानता इतनी है कि अखलाक को भी बचाने कोई नहीं आया था और अंकित को भी किसी ने नहीं बचाया। क्योंकि दबंगई के आगे इंसानियत ने ही समर्पण कर दिया है।
इस प्रकरण का सबसे अफसोसनाक पहलू तो उस युवती का हाल है, जो अभी भी बदहवासी में पूछ रही है कि उसका प्रेमी अंकित कहां है, किस हाल में है? ‘लव जिहाद’ पर हल्ला करने वाले इस मामले की तुलना जरा केरल के हादिया प्रकरण से करें, जहां उसका ससुराल पक्ष हादिया के साथ खड़ा है। लेकिन जिस युवती ने अंकित से मोहब्बत की, उसकी किस्मत में बाल कल्याण समिति का दफ्तर लिखा है।
वह अपने घरवालों के खिलाफ बयान देने की हिम्मत दिखा रही है, लेकिन अंकित के परिजनों ने उसे घर में जगह देने से भी इंकार कर दिया है। शायद इसलिए कि अंकित ने एक मुस्लिम लड़की से मोहब्बत क्यों की? तो क्या अब ‘लव जिहाद‘ के भी अलग-अलग मापदंड हैं? क्या उस पर हल्ला तभी होगा, जब लड़की हिंदू हो? मुस्लिम युवती की इस मोहब्बत का कोई मोल नहीं है?
‘लव जिहाद’ पर छाती कूटने वाले क्या इस ‘लव जिहाद’ को स्वीकारने के लिए दिल और छाती चौड़ी कर पाएंगे? जब तक सच्चे लव को अपनाने की हिम्मत समाज में नहीं होगी, बेगुनाह अंकित यूं ही मारे जाते रहेंगे?
(सुबह सवेरे से साभार)