भोपाल, मई 2016/ ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के एक कार्यक्रम ने ठंडी पड़ी प्रदेश कांग्रेस को बैठे बिठाए एक मुद्दा दे दिया है। हुआ ये कि कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के साथ मंच पर एक दलित सरपंच ने भी शिरकत कर ली। जातिवाद के लिए पहचाने जाने वाले बुंदेलखंड के इस इलाके में इस घटना को सामान्य तौर पर नहीं लिया गया। मुख्यमंत्री के रहते तो कोई कुछ नहीं बोला लेकिन उनके जाते ही लोगों ने उस सरपंच की पिटाई कर डाली। बताया जाता है कि पिटाई करने वाले भाजपा समर्थक थे।
कांग्रेस ने इस घटना की निंदा करते हुए मामले की जांच कराने का ऐलान किया है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस ने एक जांच कमेटी भी बना दी है। यह कमेटी टीकमगढ़ के सूखा पीडि़त गांव मोहनपुरा के एक आदिवासी परिवार द्वारा भुखमरी और कर्ज से तंग आकर अपनी बेटी को 1 लाख 20 हजार रूपये में बेचे जाने की घटना की भी जांच करेगी। यह घटना भी हाल ही में मीडिया के जरिए सामने आई थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि ये दोनों ही घटनाएं राज्य में बेहतर शासन के भाजपा के दावों पर करारा तमाचा है। यादव ने इन घटनाओं की जांच के लिए 7 सदस्यीय कमेटी में अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र चौधरी, पूर्व मंत्री महेन्द्र बौद्ध, जगदीश यादव, यादवेन्द्र सिंह, आबिद सिद्धीकी, मुरारी गुप्ता और टीकमगढ़ जिला कांग्रेस अध्यक्ष ब्रजभानसिंह यादव को शामिल किया है।