मध्‍यप्रदेश में गर्भवती महिलाओं को भी लगेगा कोविड का टीका

भोपाल/ मध्‍यप्रदेश में अब गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना का टीका लगाया जाएगा। सरकार ने विशेष अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को कोवैक्‍सीन टीका लगाने का फैसला किया है। यह अभियान 23 जुलाई से शुरू किया जा रहा है।
इस संबंध में गुरुवार को स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के नियमित टीकाकरण प्रकोष्‍ठ और यूनीसेफ द्वारा मीडियाकर्मियों के लिए आयोजित एक वेबिनार में राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के एडिशनल डायरेक्‍टर एवं राज्‍य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्‍ला ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को टीका लगवाते समय वे ही सावधानियां रखनी होंगी जो सामान्‍य व्‍यक्ति को रखनी होती हैं। गंभीर शिकायत के चलते अस्‍पताल में भरती मरीजों और गंभीर बीमारी से ग्रस्‍त मरीजों को ये टीके नहीं लगेंगे। ऐसे मरीजों को पहले अपनी गंभीर बीमारी का इलाज करना होगा। टीका लगवाने के लिए महिलाएं खाली पेट न आएं।
डॉ. शुक्‍ला ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को भी टीके की दो खुराक दी जाएगीं। प्रदेश में हालांकि कोविशील्‍ड और कोवैक्‍सीन दोनों प्रकार के टीके उपलब्‍ध हैं लेकिन गर्भवती महिलाओं को कोवैक्‍सीन लगाने का फैसला इसलिए किया गया है क्‍योंकि इसमें पहले और दूसरे टीके के बीच रखे जाने वाले अंतर की अवधि 28 दिन है। हम चाहते हैं कि ऐसी माताओं को टीके की दोनों खुराक जल्‍द से जल्‍द मिल जाए। ये टीके निर्धारित सरकारी केंद्रों में ही लगाए जाएंगे।
वेबिनार में बताया गया कि गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड का टीका उतना ही सुरक्षित है जितना सामान्‍य व्‍यक्ति के लिए। इससे गर्भवती महिला या गर्भस्‍थ शिशु को किसी प्रकार की हानि होने के कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिले हैं। टीका लगने के बाद कुछ सामान्‍य से लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे हलका बुखार आना या फिर टीके वाली जगह पर थोड़ा दर्द होना, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
यूनीसेफ की स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ डॉ. वंदना भाटिया ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को टीका लगाना इसलिए जरूरी है क्‍योंकि इस बीमारी से उन्‍हें और उनके होने वाले बच्‍चे को खतरे की आशंका अधिक है। ऐसे में टीका मां और बच्‍चे दोनों के बचाव का प्रभावी उपाय है। राज्‍य टीकाकरण प्रकोष्‍ठ के डिप्‍टी डायरेक्‍टर डॉ. सौरभ पुरोहित ने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण से जुड़े विभिन्‍न सवालों के जवाब दिए।
वेबिनार में पीआईबी भोपाल के एडीजी प्रशांत पथराबे, यूएनडीपी के डॉ. कपिल जादौन, यूनीसेफ के मीडिया विशेषज्ञ अनिल गुलाटी सहित कई पत्रकार और मीडियाकर्मी शामिल हुए।

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