महामारी जो बन गई फ़िल्मी मसाला।

हेमंत पाल

फिल्मों के लिए नए विषय तलाशना हमेशा ही मुश्किल काम रहा है। यही कारण रहा है कि जब भी कोई फिल्म चल निकलती है, उस विषय पर फिल्म बनने लगती है। इसलिए कि फिल्म की सफलता को दर्शकों की पसंद का मापदंड मान लिया जाता है। फिर वो 80 के दशक में आई राजेश खन्ना की फिल्मों की प्रेम कहानियाँ हों या अमिताभ बच्चन की फिल्मों का वो मार-धाड़ वाला दौर जब व्यवस्था से नाराज युवा हर बात मुक्के से करता है।

एक समय ऐसा भी आया था, जब डाकुओं पर कई फ़िल्में बनी और पसंद की गईं। याद किया जाए तो समय के साथ दर्शकों के मनोरंजन का जायका भी बदलता रहा है। लेकिन, कई बार कुछ ऐसी बड़ी घटनाएं भी होती हैं, जो फिल्म का विषय बनाकर भुनाई जाती है। पर, ये तभी कारगर होती हैं, जब इसे तुरंत और जनता के नजरिए से भुनाया जाए।

उत्तराखंड में कुछ साल पहले आई त्रासदी पर सालभर पहले आई फिल्म ‘अमरनाथ’ इसलिए नहीं चली कि वो घटना दर्शकों के दिमाग से निकल चुकी थी। फिल्मवालों के लिए अब कोरोना वायरस फिल्म बनाने का नया विषय है। संभव है कि कुछ महीनों बाद ऐसी फिल्मों की बाढ़ आ जाए।

इस विषय पर फिल्म बनाने की कोशिशें शुरू भी हो गई हैं। इंडस्ट्री में कोरोना से जुड़े कई टाइटल रजिस्टर हो चुके हैं। इरॉस इंटरनेशनल ‘कोरोना प्यार है’ नाम से फिल्म बना सकता है। लेकिन, ये फिल्म कोरोना पर नहीं, बल्कि प्रेम कहानी होगी। ‘डैडली कोरोना’ टाइटल भी रजिस्टर करवाया गया है। नए विषय का मौका न छोड़ने वाले रामगोपाल वर्मा ने तो अपनी नई तेलुगु फिल्म ‘कोरोना वायरस’ का ट्रेलर भी रिलीज कर दिया।

इस फिल्म की स्टोरी वायरस से संक्रमित एक लड़की के आसपास घूमती है। ये एक परिवार की कहानी है, जिसमें लड़की को अचानक खांसी आने लगती है। पूरा परिवार परेशान हो जाता है कि इसका कोरोना टेस्ट करवाया जाए या नहीं। फिर परिवार अपने आपको समझाता भी है, कि ये महज खाँसी है कोरोना नहीं। यहीं से फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है। लेकिन, परिवार भी धीरे-धीरे उस लड़की से दूरी बनाने लगता है।

प्रत्यूष उपाध्याय ने भी कोरोना वायरस महामारी पर अपनी अगली फिल्म की घोषणा की है। लेकिन, उनका फोकस इस खतरनाक बीमारी के पीछे के रहस्यों को उजागर करना है। प्रत्यूष का कहना है कि महामारी के बारे में कुछ रहस्य हैं, जिन्हें जनता से छुपाया गया, यही उनकी फिल्म का विषय होगा। ये फीचर फिल्म होगी, जिसमें निकिता रावल मुख्य भूमिका निभाएंगी। अभी फिल्म का नाम नहीं रखा गया है।

केनैडियन डायरेक्टर मुस्तफा केशवारी की भी वायरस पर फिल्म बनकर तैयार है। इस फिल्म का नाम ‘कोरोना:फीयर इन अ वायरस’ है। ये फिल्म सात उन लोगों पर बनी है, जो एक साथ लिफ्ट में फंस जाते हैं। लिफ्ट में अफरा-तफरी तब मच जाती है, जब उनमें से एक महिला जोर-जोर से खाँसने लगती है। सब डर जाते हैं। सबको शंका होने लगती है कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित है। दावा किया जा रहा है कि कोरोना पर बनी यह पहली फिल्म है। डायरेक्टर का कहना है कि जनवरी में चीन के वुहान में वायरस फैलते ही उनके दिमाग में यह आइडिया आया था।

डायरेक्टर चार्ल्स बैंड ने भी ‘कोरोना जॉम्बीज’ नाम से फिल्म बनाई है। उन्होंने 10 अप्रैल को फिल्म डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज भी कर दी। फिल्म की कहानी के मुताबिक लोग कोरोना से मरने के बाद जॉम्बी बन जाते हैं। डायरेक्टर ने इस तरह फिल्म को कोरोना के बहाने हॉरर बनाने की कोशिश की है। जॉम्बी से लड़ने के लिए एक स्कॉड का गठन किया जाता है। वो स्कॉड कोरोना वायरस की जड़ को ढूंढता है, साथ ही जॉम्बीज से भी लड़ता है। जॉम्बीज को फिल्म में कोरोना के नए रूप में दिखाया गया है। ये असलियत नहीं है, पर दर्शकों के लिए नया फ़िल्मी फार्मूला जरूर है।

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टीम मध्‍यमत

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