मध्‍यप्रदेश की पॉवर कंपनी में चीनी ठेके पर उठी उंगली

जबलपुर/ मध्‍यप्रदेश की एक पॉवर कंपनी में कथित चीनी घुसपैठ का मामला सामने आया है। राज्‍य के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्‍ठ नेता अजय विश्‍नोई ने आरोप लगाया है कि राज्‍य में कमलनाथ के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार गिरने से ठीक पहले 17 मार्च को मध्‍यप्रदेश पॉवर ट्रांसफार्मर कंपनी ने टेंडर की शर्तों का उल्‍लंघन करते हुए 271 करोड़ रुपये का ठेका एक चीनी कंपनी को दे दिया।

विश्‍नोई की ओर से इस संबंध में जारी बयान में कहा गया कि यह ठेका प्रदेश में बिजली नेटवर्क के लिए डाटा ट्रांसफर हेतु फाइबर नेटवर्क स्‍थापित करने के लिए दिया गया। एक संवेदनशील क्षेत्र से जुड़े मामले का ठेका चीनी कंपनी को देना खतरनाक हो सकता है।

भाजपा नेता ने बताया कि फाइबर नेटवर्क स्‍थापित करने के लिए बुलाए गए टेंडर नंबर टीआर-19/2019 की शर्त क्रमांक 38.5 में यह साफ लिखा गया था कि पूरा काम एक ही कंपनी को नहीं दिया जाएगा। शर्तों के हिसाब से एल-1 कंपनी को 50 फीसदी, एल-2 को 30 फीसदी और एल-3 को 20 फीसदी काम दिया जाना था। चूंकि काम सभी को मिलना था इसलिए सबने मिलीभगत से रेट ज्‍यादा भरे। पर चीनी कंपनी ने बाकी कंपनियों को धोखे में रखकर सरकार की कथित मदद से 271 करोड़ का ऑर्डर खुद ले लिया। मूल रूप से इस चीनी कंपनी का नाम जेटीटी है और इसने भारत में अपनी एक और कंपनी बना ली है। यह ठेका इसी कंपनी के नाम पर लिया गया।

जबलपुर जिले के पाटन से विधायक विश्‍नोई ने मुख्‍यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को इस बारे में पत्र लिखकर मांग की है कि टेंडर की शर्तों का उल्‍लंघन कर दिया गया यह ठेका तत्‍काल निरस्‍त किया जाए। उन्‍होंने पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ से भी मांग की है कि वे उन कारणों का खुलासा करें जिनके चलते टेंडर की शर्तों का उल्‍लंघन कर यह ठेका दिया गया।

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