बड़े बूढ़े कहते हैं नजरें बदलिये, नजारे बदल जायेंगे। ऐसा ही संयोग प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ देख रहे हैं। अपनी मजहबी कट्टरता के लिए विख्यात बाबरी विवाद के मुद्दई और पक्षकार हाशिम अंसारी फरमाते हैं कि आजादी के बाद नरेंद्र मोदी सर्वश्रेष्ठ नेता हैं। ऐसा कहते हुए उन्होंने मोदी जी को आयोध्या पधारने की दावत दे दी है। अंसारी कहते हैं कि लंबे समय से नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के प्रति लोगों के दिल में खौफ पैदा करने का अभियान चलाया गया। मुसलमानों ने इस दौरान देखा, परखा। मुसलमान अब नरेंद्र मोदी के साथ है और उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुसलमान उनका जीजान से समर्थन करेंगे। मोदी जैसे कुशल सबका साथ-सबका विकास करने वाले राजनेता पर फख्र करना चाहिए। अंसारी ताल ठोककर कहते हैं कि सदियों से पिछड़े मुसलमानों की दशा सुधारने का मुद्दा नरेंद्र मोदी जैसा नेता ही हल कर सकता है। हाशिम अंसारी कहते हैं कि मोदी का खौफ तो है, लेकिन यह खौफ उन लोगों को ही है जिन्होंने मुल्क को अपनी जागीर मानकर तबियत से लूट की हैं। मोदी से वे ही भयभीत हो जो अब तक सत्ता की दलाली में मशगूल रहे हैं। मुसलमान खौफ से आजाद हो जाएं।
नरेंद्र मोदी का गुजरात में इक्कीसवीं सदी ने स्वागत किया। जब वे भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनकी आलोचना का दौर यहीं से प्रारंभ हुआ। वे कांग्रेस की आंख की किरकिरी बने, लेकिन मोदी ने आलोचना के प्रति सहिष्णुता दिखाई। लेकिन राजधर्म से मुंह नहीं मोड़ा निरंतर लोकप्रियता बढ़ी और प्रधानमंत्री के शीर्ष सिंहासन पर विराजने के बाद भी कार्यकर्ता की भाव और अपनी कर्मठता को जीवन्त रखा। यहीं जीवट था कि वे जम्मू-कश्मीर की बाढ़ की विभीषिका उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा, यमन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा में पीछे नहीं रहे और उनका कद बढ़ा ख्याति देश की सीमाएं पार कर गईं। नेपाल में आई आपदा में नरेंद्र मोदी का बचाव दल सबसे पहले पहुंचा। यह इतिहास में गर्व का प्रसंग है कि यमन संकट में जब दुनिया ने नरेंद्र मोदी की कार्यक्षमता, तत्परता और दिलेरी देखी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रेलिया जैसे शक्तिमान देशों ने नरेंद्र मोदी से अपने देशवासियों की संकट से मुक्त कराने की गुहार लगाई।
लोकतंत्र में लोकप्रियता ही राजनेता की पूंजी होती है। लोकप्रियता के बल पर राजनेता लोकतंत्र में सफल होता है। लोकप्रियता ही चुनावी सफलता का कुंजी होती है। यदि इस दृष्टि से देखा जायें तो नरेंद्र मोदी भारतीय लोकतंत्र के परिदृश्य पर बेजोड़ हैं। उन्होंने ही भारतीय जनता पार्टी को सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में शानदार सफलता दिलाई। उनकी लोकप्रियता का अपना मनोविज्ञान है। वे आम आदमी के मन की थाह लेकर तादात्मय बनाये रखने के प्रति गंभीर और सतर्क हैं हर पखवाड़ा में कोई एक इनीसिऐटिव देकर अपने मन की गांठ जनता के बीच खोलते हैं और जनता की राय आमंत्रित करते हैं। मंत्रालय वार मंत्रियों से नियमित फीडबेक लेना और संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति से सरकारी तंत्र की खामियां जानना उनका शगल हैं उनकी इसी विलक्षण प्रतिभा ने दो सालों में उनकी लोकप्रियता को अक्षुण्ण रखा है। देष की 70 प्रतिष जनता उनके नेतृत्व में बेहतर कल के प्रति आषान्वित है। अपने मंत्रियों और सांसदों को स्पष्ट ताकीद दी है कि वे अपने-अपने क्षेत्र का दौरा कर सात दिन रात्रि विश्राम कर चौपाल लगायें। यूपीए शासन के दौरान कमोवष 12 लाख करोड़ रू. के घोटालों ने विदेषी निवेषकों को निरूत्साहित किया था। लेकिन नरेंद्र मोदी ने आर्थिक विकास चक्र को ऐसी गति प्रदान की कि विष्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की सर्वाधिक गतिशील अर्थव्यवस्था बताकर नरेंद्र मोदी की पीठ थपथपा रहे हैं।
पिछले दो वर्षों में एनडीए सरकार ने देष में बुनियादी परिवर्तन के लिए जनधन योजना, मेक इन इंडिया, मिषन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, स्किल इंडिया, स्टेंड अप इंडिया, मुद्रा बैंक योजना, उड़ान योजना उज्जवला जैसी दर्जनों योजनाएं और मिषन आंरभ कर कारोबारी दुनिया में भारत को सबसे आगे खड़ा कर दिया है। शरणार्थी हिन्दुओं के लिए भारत में नागरिकों के समकक्ष खड़ा करके डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के सपनों को इस प्रकार पूरा किया है कि पाकिस्तान से लौटे शरणार्थी हिन्दुओं को संवैधानिक कवच मिल गया है।
देष में सुखद परिवर्तन सिर्फ आर्थिक प्रगति से ही संभव है। भारत की सुपर पॉवर बनने की राह तभी आसान होगी जब भारत की आर्थिक दषा सुदृढ़, धनार्जन में सक्षम और आयात के मामले में स्वदेषीकरण से आत्म निर्भर होगी। इस दृष्टि से यदि दुनिया के हाट बाजार का अध्ययन करने वाली संस्था ग्रांट थार्नटन की इन्टरनेषनल बिजनेस रिपोर्ट पर ध्यान दे तो पता चलता है कि सकल घरेलु उत्पाद की तेज विकास दर, नीतिगत घोषणाओं और तद्नुसार हो रहे बदलाव के कारण भारत दुनिया के 36 चुनिंदा देषों में शीर्ष पर पहुंचा है। राजस्व उगाने और रोजगार वृद्धि के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई। फिर भी भारत को आवष्यकता है वस्तु सेवा कर जैसे प्रगतिषील सुधार की जो नरेंद्र मोदी का संकल्प है। इससे भारत की विकास दर छलांग लगाकर दहायी में दुनिया में एक कीर्तिमान बन जायेगी। इस बात की पुष्टि करते हुए नीति आयोग ने सुनहरा सपना सच होने का भी संकेत दिया है। भारत की विकास की संभावनाओं को मूर्त रूप देने में यदि राजनैतिक दल एकजुट होकर सकारात्मक पहल करते हैं तो भारत को गरीबी से मुक्ति दिलाने की चिर अभिलाषा पूर्ण हो जायेगी। दहाई में विकास दर पहुंचने का अर्थ होगा अर्थ व्यवस्था का स्वरूप 100 खरब डालर का होगा और देष में गरीब को खोजना मुष्किल हो जायेगा। गरीबी से आजादी दिलाना आजादी के पूर्व का और आजादी के बाद का सपना बना हुआ है। श्री नरेन्द्र मोदी के शासन में स्थिरता फैलाव इस बात की गारंटी बनती है।
भरचन्द्र नायक