भोपाल/ मध्यप्रदेश में भावांतर भुगतान योजना रबी सीजन में भी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि जब भी फसल की कीमतें गिरेंगी, तो अधिसूचित फसल जिन्सों में किसानों को उनकी फसल की पूरी कीमत दी जायेगी। खरीफ फसलों के बाद अब रबी की फसलों में भी भावांतर की राशि किसानों को मिलेगी। जो अब तक नहीं हुआ, वो हम करके दिखायेंगे।
भावांतर भुगतान योजना में किसानों को बाजार/बिक्री मूल्य और औसत मॉडल रेट के अंतर की राशि का हर माह का भुगतान किया जायेगा। अवर्षा हो या मौसम की मार, प्राकृतिक आपदा हो या कोई दूसरी कठिनाई, सूखा हो या और कोई संकट, प्रदेश के किसानों को किसी भी सूरत में अकेले नहीं रहने दिया जायेगा। सरकार हर वह कदम उठायेगी, जिससे किसानों की जिंदगी में खुशहाली आये।
मुख्यमंत्री ने टीकमगढ़ जिले के पृथ्वीपुर तहसील मुख्यालय में भावान्तर भुगतान योजना के राज्य-स्तरीय कार्यक्रम के तहत आयोजित किसान सम्मेलन में टीकमगढ़ जिले के 18 हजार 452 किसानों को नवम्बर 2017 माह की कुल 41 करोड़ रूपये की भावांतर राशि का वितरण किया। कोर बैंकिंग के जरिये सभी किसानों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर दी गई।
सरकार की अन्य योजनाओं के हितग्राहियों के साथ-साथ मंच से प्रतीकात्मक रूप से 5 किसानों को भावांतर राशि के भुगतान प्रमाण-पत्र भी वितरित किये गये। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 7 करोड़ 85 लाख रूपये की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण और 73 करोड़ 79 लाख रूपये की लागत वाली 27 विकास परियोजनाओं/कार्यों का भूमि-पूजन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर भुगतान योजना ऐसी अभिनव योजना है, जो अब पूरे देश को दिशा देगी। फिलहाल हरियाणा ने इसे अपना लिया है, कल पूरा देश इसे अपनायेगा। प्रदेश के किसानों की माली हालत सुधारने के लिये हमने तय किया है कि यदि उत्पादन अधिक हुआ तो भी किसान को कम कीमत में फसल नहीं बेचने देंगे। सरकार किसानों की फसल स्वयं वाजिब दाम पर खरीदेगी, ताकि किसान के नुकसान की भरपाई हो सके। पूरे प्रदेश के किसानों को नवम्बर माह में बाजार मूल्य और औसत मॉडल रेट के अंतर की कुल 960 करोड़ रूपये की भावांतर राशि एक साथ बाँटी जा रही है।
मुख्यमंत्री की घोषणाएँ
किसानों के इस साल और अगले साल के कर्जे का ब्याज सरकार भरेगी।
जो किसान पुराना कर्जा नहीं चुका पाये हैं, उन्हें भी 0 प्रतिशत की ब्याज दर से ऋण दिया जायेगा।
समाधान योजना पूरे प्रदेश में लागू रहेगी और इसके तहत पुराना कर्ज न चुकाने वाले किसानों का ब्याज या चक्रवृद्धि ब्याज सरकार भरेगी।
योजना के तहत कर्जे के मूलधन को पाँच या छः किस्त में देने की सहूलियत भी दी जायेगी।
प्रदेश के सभी गरीबों को पट्टा देकर भू-स्वामी बनाने के अलावा उन्हें पक्का मकान भी बनाकर देंगे।
रेत खदानों की नीलामी बंद कर दी जायेगी। मात्र 125 रूपये रायल्टी लेकर रेत की बिक्री अब ग्राम पंचायतों द्वारा की जायेगी। फरवरी माह तक नई रेत खनन नीति लागू कर दी जायेगी।
टेक होम राशन (टीएचआर) अब गाँव की स्व-सहायता समूह की बहनें ही बनायेंगी और आँगनवाड़ियों तक पहुँचायेंगी। इसके लिये प्रदेश के 51 जिलों में 25 फैक्टरी खुलवायी जायेंगी। स्व-सहायता समूहों को सरकार इस हेतु लोन देगी।