इस फेंगशुई ठगी से बचिए

कई धनी घरों मे देखा कि एक विचित्र सी सुनहरी गुड़िया रखी है। पूछने पर पता चला कि ये लाफिंग बुद्धा है। इसको घर में रखने से सुख और समृद्धि आती है। धन की टोकरी उठाए, मोटे पेट वाला गोल मटोल सुनहरे रंग का पुतला- क्या सच में महात्मा बुद्ध है? किसी तरह वह बुध्द सा सौम्य, शांत और सुडौल दीखता है??

अब तो दुकानदार भी अपनी दुकान का शटर खोलकर सबसे पहले लाफिंग बुद्धा को नमस्कार करते हैं और कभी-कभी तो अगरबत्ती भी लगाते हैं! कई जगह एक छोटा सा कछुए जैसा खिलौना देखा जिसकी पीठ पर कुछ लिखा था। पता चला कि इसे पानी में रखने पर कर्ज से मुक्ति मिलती है। एक चिकित्सक की मेज पर ड्रैगन जैसा कुछ दिखाई दिया। पता चला कि यह स्वास्थ्य और आयु बढ़ाने का उपाय है। क्या कोई आग उगलने वाली चाइनीज छिपकली यानी dragon को देख कर प्रसन्नता महसूस कर सकता है?

एक जगह सुनहरी बिल्ली का बैटरी से चलने वाला खिलौना था जो अगला पंजा हिला रहा था। प्लास्टिक की सुनहरी बिल्ली  जिसमें बैटरी लगाने के बाद, उसका एक हाथ किसी को बुलाने की मुद्रा में आगे पीछे हिलता रहता था। सुनहरी बिल्ली के माध्यम से अपनी रूठी किस्मत को वापस बुलाने के लिए इसे अपने घर, कार्यालय अथवा दुकान के उत्तर-पूर्व में रखिए! बिल्ली के सुनहरे पुतले को घर में सजाकर सौभाग्य की मिन्नतें करना महामूर्खता नहीं तो और क्या है?

एक होटल में काँच के सुंदर बर्तन में मिट्टी डाल कर बांस जैसा कोई पौधा लगाया हुआ था। पता चला कि गुड लक बैम्बू या सौभाग्य वाला बांस है। कछुआ पानी में डुबा कर रखने से कर्ज से मुक्ति, सिक्के वाला तीन टांगों का मेंढक रखने से धन का प्रभाव, चाइनीज ड्रैगन को कमरे में रखने से रोगों से मुक्ति, विंडचाइम लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह, प्लास्टिक के पिरामिड लगाने से वास्तुदोषों से मुक्ति, चाइनीज सिक्के बटुए में रखने से सौभाग्य में वृद्धि होगी ऐसा लिखा था।

फेंगशुई की दुनिया का एक और लोकप्रिय मॉडल है चीनी देवता फुक, लुक और साऊ। फुक को समृद्धि, लुक को यश-मान-प्रतिष्ठा और साउ को दीर्घायु का देवता कहा जाता है। फेंगशुई ने बताया और हम अंधभक्तों ने अपने घरों में इन मूर्तियों को लगाना शुरू कर दिया। मैंने देखा कि इंटरनेट पर मिलने वाली इन मूर्तियों की कीमत भारत में 200 से लेकर 15000 रुपये तक है, मसलन जैसी जेब, वैसी मूर्ति और उसी हिसाब से सौभाग्य का भी हिसाब-किताब सेट है।

एक और फेंगशुई प्रोडक्ट है तीन चाइनीज सिक्के, जो लाल रिबन से बंधे होते हैं। फेंगशुई के मुताबिक रिबिन का लाल रंग इन सिक्कों की ऊर्जा को सक्रिय कर देता है और इन सिक्कों से निकली यांग (Yang) ऊर्जा आप के भाग्य को सक्रिय कर देती है। तो क्या चीन में गरीब लोग नहीं रहते?

फेंगशुई के बाजार में एक और गजब का प्रोडक्ट है तीन टांगों वाला मेंढक जिसके मुंह में एक चीनी सिक्का होता है। फेंगशुई के मुताबिक उसे अपने घर में धन को आकर्षित करने के लिए रखना अत्यंत शुभ होता है। जब मैंने इस मेंढक को पहली बार देखा तो सोचा कि जो देखने में इतना भद्दा लग रहा है वह मेरे घर में सौभाग्य कैसे लाएगा? मेंढक का चौथा पैर काट कर उसे तीन टांग वाला बनाकर शुभ मानना किस सिरफिरे की कल्पना है? क्या किसी मेंढक के मुंह में सिक्का रखकर घर में धन की बारिश हो सकती है?

संसार के किसी भी जीव विज्ञान के शास्त्र में ऐसे तीन टांग वाले और सिक्का खाने वाले मेंढक का उल्लेख क्यों नहीं है? दुनिया के अनेक देशों में कहीं न कहीं फेंगशुई का जाल फैला हुआ है। इसकी मार्केटिंग का तंत्र इंटरनेट पर मौजूद हजारों वेबसाइट के अलावा, TV कार्यक्रमों, न्यूज़ पेपर्स और पत्रिकाओं तक के माध्यम से चलता है।

अनुमानत: केवल भारत में ही इसका कारोबार लगभग 200 करोड़ रुपए से अधिक का है। उसी के सहारे धीरे-धीरे भारत के उत्पाद मार्केट पर चीनी उत्पादों ने पचास प्रतिशत तक कब्ज़ा कर लिया है। किसी छोटे शहर की गिफ्ट शॉप से लेकर सुपर मॉल्स तक चीनी प्रोडक्ट्स आपको हर जगह मिल जाएंगे… वह छा गये हैं। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को लगभग समाप्त कर दिया है।

चाइनीज उत्पादों का आक्रामक माल, भारत सहित दुनिया के अलग-अलग देशों में इस कदर बेचा जाता है कि दूसरों की मौलिक अर्थ-व्यवस्था तबाह हो जाती है। सस्ता और बड़ी मात्रा में होना उसका पैंतरा है यानी रणनीति। क्यों चीनी कम्‍युनिस्‍ट खुद हर नागरिक के बटुवे में यह सिक्के रखवा कर अपनी गरीबी दूर नहीं कर लेते?

हमारे देश के रुपयों से हम इन बेकार के चाइनीस सिक्के खरीद कर न सिर्फ अपना और अपने देश का पैसा हमारे शत्रु मुल्क को भेज रहे हैं, बल्कि अपने कमजोर और गिरे हुए आत्मविश्वास का भी परिचय दे रहे हैं। दिन भर टीवी पर हिन्दू विश्वासों का मखौल उड़ाने वालों को आपने कभी इस चाइनीस अंध-विश्वास के खिलाफ बोलते सुना है?

(सोशल मीडिया से साभार)

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टीम मध्‍यमत

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