उज्जैन में योगगुरु बाबा रामदेव ने कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हाथ से बने सूती वस्त्र पहनने का संकल्प लिया है. वह अब तक हाथ और मशीन, दोनों से बने सूती वस्त्र पहनते रहे हैं.
प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान निनौरा में चल रहे तीन दिवसीय ‘विचार महाकुंभ’ के दूसरे दिन कृषि और कुटीर उद्योग पर आयोजित सत्र में शुक्रवार को रामदेव ने कहा, देश की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए कुटीर उद्योग की वस्तुओं को अपनाना होगा.
उन्होंने कहा कि वह अब तक हाथ और मशीन से बने सूती वस्त्र पहनते रहे हैं, मगर आज से संकल्प लेते हैं कि सिर्फ हाथ से बने सूती कपड़े ही पहनेंगे.
स्वामी रामदेव ने आगे कहा कि कुटीर उद्योग का बहुत बड़ा क्षेत्र है और यह जरूरी है कि इसे आम जनता प्रोत्साहित करे. यह काम सरकारों के बस का नहीं है.
उन्होंने कहा, “अगर हम गांव में बने सामान का ही उपयोग करने लगें तो इसका लाभ कर्मकारों के साथ देश को भी होगा, क्योंकि तब देश की मुद्रा बाहर नहीं जाएगी.”
बाबा रामदेव ने वहां मौजूद लोगों से आह्वान किया कि वे भी कुटीर उद्योग की तरफ बढ़ें और जो लोग प्रशिक्षण हासिल करके शैम्पू, साबुन वगैरह बनाना चाहते हैं, उन्हें वह प्रशिक्षण देंगे.