नई दिल्ली/ जाने माने फिल्म अभिनेता आयुष्मान खुराना, भारत में बाल अधिकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यूनिसेफ इंडिया के सेलिब्रिटी एडवोकेट होंगे।
भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉ. यास्मीन अली हक ने #ForEveryChild के लिए खुराना का स्वागत करते हुए कहा कि, “आज आयुष्मान खुराना का यूनिसेफ के सेलिब्रिटी एडवोकेट के रूप में स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। वह एक ऐसे अभिनेता है जो हर भूमिका की सीमा को चुनौती देते हैं और हर बच्चे को समर्थन, जुनून भरी और शक्तिशाली आवाज से आत्मबल देंगे। बच्चों के खिलाफ हो रही हिंसा को समाप्त करने की दिशा में हमारे प्रयासों में आयुष्मान हमारा साथ देंगे। इस महत्वपूर्ण अभियान में उनका समर्थन जागरूकता बढ़ाने में हमारी मदद करेगा, विशेष रूप से तब जब कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप और लॉकडाउन का सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर प्रभाव बच्चों के खिलाफ हिंसा और दुरुपयोग के जोखिम को बढ़ाता है।”
अभिनेता आयुष्मान खुराना ने कहा कि, “मैं सेलिब्रिटी एडवोकेट के रूप में यूनिसेफ के साथ अपनी भागीदारी से बहुत खुश हूं। मेरा मानना है कि, जीवन में सबसे अच्छी शुरुआत का हक हर किसी को है। जब मैं देखता हूं कि मेरे बच्चे हमारे घर के सुरक्षित और आनंदपूर्ण परिवेश में खेलते हैं, तो मैं उन सभी बच्चों के बारे में सोचता हूं जिन्हें कभी भी सुरक्षित बचपन का अनुभव नहीं मिलता है और वे घर पर या बाहर हिंसापूर्ण परिवेश में पलते हैं। मैं यूनिसेफ के साथ मिलकर अतिसंवेदनशील बच्चों के अधिकारों का समर्थन करने के लिए तत्पर हूं, ताकि हर बच्चा हिंसा मुक्त वातावरण में पले-बढ़े और खुशहाल, स्वस्थ, शिक्षित नागरिक के रूप में उनका विकास हो सके।”
हिंसा हर दिन होती है जो भारत में बड़ी संख्या में लड़कियों और लड़कों के लिए एक वास्तविकता है। अक्सर हिंसा करने और उसको बढ़ावा देने वाला कोई ऐसा व्यक्ति होता है जिसे बच्चा जानता है और भरोसा करता है। हिंसा उन स्थानों पर होती है जिन्हें हम सुरक्षित समझते हैं जैसे घर पर, स्कूल में, अपने समुदायों में, बच्चों के लिए बने विशेष संस्थानों में। यह हिंसा ऑनलाइन भी हो सकती है। कोविड-19 का प्रकोप जैसे–जैसे बढ़ रहा है उसका असर दैनिक जीवन पर भी पड़ रहा है और परिवार बाधित हो रहे हैं। बच्चों में बीमारी, स्कूल बंद होने, नौकरी छूटने और आइसोलेशन के उपायों से परिवारों पर अतिरिक्त तनाव के कारण जोखिम बढ़ सकता है और ऐसा नकारात्मक वातावरण व तंत्र तैयार हो सकता है जो बच्चों के खिलाफ होने वाले खराब व्यवहार या हिंसा का कारण बने।
बच्चों को हिंसा मुक्त रहने, खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने का मौका मिलना चाहिये, जिससे वे अपनी पूरी क्षमता हासिल कर सकें और परिवार और समुदायों में योगदान कर सकें। यूनिसेफ बच्चों और युवाओं, परिवारों, समुदायों, प्रभावशाली व्यक्तियों और सरकार के साथ भागीदारी करके बच्चों के खिलाफ हो रही हिंसा को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। बच्चों के खिलाफ हो रहे व्यवहार को रोकना यूनिसेफ की प्राथमिकता है, जिसमें उसका मूल काम हिंसा को रोकना है।
बच्चों के खिलाफ हिंसा- कुछ तथ्य :
– पांच किशोर लड़कियों में से एक ने 15 साल की उम्र से शारीरिक हिंसा का अनुभव किया है और तीन में से एक शादीशुदा लड़कियों ने या साथ में रहते हुए अपने पति या पार्टनर द्वारा हिंसा का अनुभव किया है। (स्रोत: एनएफएचएस 4)
– हर घंटे बाल यौन शोषण के 5 मामले सामने आते हैं। (स्रोत: एनसीआरबी 2018)।
– यौन शोषण के 50 फीसदी मामले परिवार के करीबी सदस्यों या दोस्तों द्वारा किए जाते हैं। (स्रोत: एनसीआरबी, 2018)
– 99 फीसदी स्कूली बच्चों का शिक्षकों द्वारा शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है (स्रोत: एनसीपीसीआर, 2012)
– भारत में तीन में से एक बच्चे ने रिपोर्ट किया कि उन्हें साइबरबुलिंग का अनुभव हुआ। (स्रोत: यू-रिपोर्ट, 2019)
आयुष्मान खुराना के बारे में
आयुष्मान खुराना को एक युवा आइकन और विचारशील नेता माना जाता है। उनकी फिल्मों को देखकर समाज में सकारात्मक, सामाजिक वार्तालाप शुरू होता है। अभिनय और गायन में निपुण होने के साथ ही वह एक बहुआयामी प्रतिभा हैं। वह आम आदमी के चित्रण के लिए जाने जाते हैं और कई पुरस्कारों से सम्मानित हुए हैं, जिसमें एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और चार फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें 2019 की फोर्ब्स इंडिया की सेलिब्रिटी 100 सूची में भी शामिल किया गया है। आयुष्मान व्यावसायिक लेकिन सामाजिक उद्देश्य के लिए बनने वाली या लीक से हटकर समाज से जुड़े विषयों को उठाने वाली फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
यूनिसेफ के बारे में
यूनिसेफ दुनिया के कुछ सबसे कठिन स्थानों में काम करता है, ताकि दुनिया के सबसे वंचित बच्चों तक पहुंच सके। 190 से अधिक देशों और क्षेत्रों में, हम हर बच्चे के लिए, हर जगह, हर किसी के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए काम करते हैं।
यूनिसेफ इंडिया और बच्चों के लिए इसके काम के बारे में अधिक जानकारी www.unicef.org/india पर प्राप्त की जा सकती है। यूनिसेफ इंडिया भारत में सभी लड़कियों और लड़कों के लिए स्वास्थ्य, पोषण, जल और स्वच्छता, शिक्षा और बाल संरक्षण कार्यक्रमों को जारी रखने और विस्तार करने के लिए व्यवसायों और व्यक्तियों के समर्थन और दान पर निर्भर है। हर बच्चे को जीवित रहने और कामयाब होने में मदद करने के लिए यूनीसेफ जैसी संस्थाओं को समाज का समर्थन और सहयोग आवश्यक है।