अजय बोकिल
नोट कर लें, देशद्रोह की नई परिभाषा में अब देशी जोड़े की विदेश में शादी का भी शुमार हो गया है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा (विरूष्का) का भारत भूमि के बजाए इटली में जाकर सात फेरे लेना कई ‘देशभक्तों’ को नागवार गुजरा है। मप्र के गुना से भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य ने विरूष्का की शादी को देशद्रोह बताकर इतनी सुर्खी पा ली कि जितनी उनके अभी तक तो क्या आगे के राजनीतिक कॅरियर में भी नहीं मिलती।
एक कार्यक्रम में शाक्य बोले कि इस देश में राम, कृष्ण, विक्रमादित्य और युधिष्ठिर का विवाह हुआ है। आप सबके भी विवाह हुए हैं या होने वाले होंगे। लेकिन हममें से कोई विदेश नहीं जाएगा। विराट का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि वो पैसा और प्रसिद्धि यहां से कमा रहा है और अरबों रुपये वहां विवाह के लिए ले गया है। विवाह के लिए भारत भूमि का उसके लिए कोई मायने नहीं है।
स्पष्ट है कि वो राष्ट्रभक्त नहीं है, वो देशभक्त नहीं है। हालांकि पन्नालाल के इन बोल-वचनों से उनकी पार्टी भाजपा ने ‘निजी विचार’ कह कर पल्ला झाड़ लिया। उधर सोशल मीडिया पर विरूष्का के विदेश में विवाह पर जमकर तलवारे खिंचीं। कई ने इसे विराट और अनुष्का का निजी मामला बताया तो कई का सोचना था कि दोनों ने परदेश में ब्याह कर स्वदेश का अपमान किया है।
फ़ेसबुक पर ‘आज़ाद भारत’ नाम के पेज से अनुष्का-विराट की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा गया-अपने देश के लोगों को फ़ायदा पहुंचाने की तो आप सपने में भी नहीं सोच सकते। जिस दिन ऐसे विचार आप जैसे अमीरों के पास आ जाएंगे, उस दिन भारत विश्व का सबसे अमीर देश बन जायेगा। इस पोस्ट को 35 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने शेयर किया।
एक यूजर ने गुस्से में लिखा-‘ऐसे लोगों को हमने सिर पर बैठा रखा है। ये लोग देश के लिए नहीं, अपने लिए खेलते हैं और सारा पैसा विदेश में खर्च करते हैं। इंडिया में ऐसा क्या नहीं है, जो इन्हें विदेश में शादी करनी पड़ी।‘ दूसरे का कहना था कि ‘ये लोग दिखाना चाहते हैं कि हम अपने देश के लिए कितने गैरज़िम्मेदार हैं। ऐसे लोग देशभक्ति की बातें क्या करेंगे। इन्हें सिर्फ़ पैसे चाहिए।’ तीसरे की राय में ‘अगर विरूष्का की शादी भारत में होती तो कई लोगों को रोजगार मिलता।‘ चौथे ने तंज किया कि ‘कोहली इंडिया लौटते ही तुम भाजपा विधायक से देशभक्ति का सर्टिफिकेट लेना मत भूलना।‘
काफी समय से इश्क लड़ा रहे विराट और अनुष्का ने हाल में इटली के मिलान शहर में शादी कर ली। लोगों को उनकी शादी पर कोई आपत्ति नहीं है, ऐतराज है तो इस बात पर कि यह संस्कार इटली में क्यों हुआ? विरूष्का ने इटली को ही क्यों चुना, इसका कोई साफ कारण अभी सामने नहीं आया है। क्योंकि इटली में क्रिकेट खेला नहीं जाता और अनुष्का ने किसी इटालियन फिल्म में काम किया हो, इसकी जानकारी नहीं है।
फिर भी उन्होंने इटली में ब्याह रचाया तो यह उनका निजी फैसला और व्यक्तिगत सुविधा का मामला है। भारत में शादी न करने का कारण दोनो का सेलेब्रिटी होना, भारत में उनके प्रशंसकों की दीवानगी और उससे ज्यादा मीडिया का बौरा जाना भी हो सकता है। हालांकि दोनों ने वैदिक पद्धति से विवाह किया और नजदीकी रिश्तेदार तथा मित्र इसके साक्षी बने।
जहां तक भारत में क्रिकेटरों की शादी की बात है तो कुछ मशहूर खिलाडि़यों ने विदेशी लड़कियों से तो विवाह किया, लेकिन विदेश में जाकर भारतीय लड़की से शादी रचाने का संभवत: यह पहला ही मामला है। इटली के जिस रिसॉर्ट में यह शादी हुई, वह अमूमन अप्रैल में खुलता है। लेकिन इस वीआईपी शादी के लिए इस बार दिसंबर में ही खोला गया। शादी में खर्च भी भारतीय शादियों की तरह ही हुआ। जो खबरें छनकर आई हैं, उन पर भरोसा करें तो इस सेलेब्रिटी मैरेज पर करीब 75 से 100 करोड़ तक का खर्च हुए।
वेडिंग को इंडियन टच देने शहनाई, ढोल-ताशे और भंगड़े का भी इंतजाम था। शादी में 50 खास मेहमान शामिल हुए थे और प्रति मेहमान औसतन 1 करोड़ रुपए खर्च किए गए। देशभक्तों की मानें तो यह पैसा भारत में शादी होने पर भारतीयों की जेब में ही जाता।
कोई युगल शादी कहां और किस तरह से करे, यह उनका निजी मामला है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने भी जर्मनी में जिस युवती से शादी की थी, उसके बारे में देश ने नेताजी के दिवंगत होने के बाद ही जाना। वैसे भी आजकल डेस्टिनेशन वेडिंग का चलन है। जरूरी नहीं कि डेस्टिनेशन देसी ही हो। चूंकि विराट और अनुष्का इंटरनेशनल फिगर भी हैं। इसलिए उनकी शादी को भी देशभक्ति अथवा देशद्रोह के खांचे में बांटकर देखा जा रहा है।
यानी मेंहंदी रचे यहां और मांग भरे वहां, यह बात कई लोगों को रास नहीं आ रही। अलबत्ता गुमनाम से विधायक पन्नालाल शाक्य को तो यह शादी खूब फली है। क्योंकि जिस व्यक्ति को मप्र में भी बहुत कम लोग जानते थे, उसने विरूष्का की शादी को देशद्रोह बताकर चुटकी में राष्ट्रीय शोहरत पा ली और एक तरह से विराट और अनुष्का को आईना दिखा दिया। शाक्य ने यह नेक सुझाव भी दिया कि ऐसे लोगों को आदर्श नहीं मानना चाहिए। हालांकि शाक्य इस बारे में मौन रहे कि जो लोग देश में रहकर भी कुंवारे हैं, उन्हें किस पांत में रखा जाना चाहिए।
बहरहाल विरूष्का की शादी कहां हो, यह विवाद ही अपने आप में निरर्थक है, क्योंकि शादी उनके लिए धार्मिक सामाजिक संस्कार के साथ एक तफरीह भी थी। हां, उनके इस फैसले से वो भारतीय न्यूज चैनल जरूर निराश हुए, जो दोनों का विवाह भारत में होने पर दर्शकों को इस शादी के ‘बैंड बाजा बारात’ से लेकर हर बारीक से बारीक डिटेल रोज नई पंचलाइन के साथ एक हफ्ते तक परोस पाते। विरूष्का ने ‘भक्तों’ की आचार संहिता के हिसाब से भले ‘अपराध’ किया हो, लेकिन न्यूज चैनलों के बेबस दर्शकों को संभावित ‘ज्यादती’ से जरूर बचाया है।
(सुबह सवेरे में प्रकाशित आलेख से साभार)