भोपाल, जून 2016/ आमतौर पर समाज की भलाई के लिए किए जाने वाले कामों के नतीजे बहुत देर से मिलते हैं। लेकिन मध्यप्रदेश में सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए एक अभियान के नतीजों ने इस मिथक को तोड़ दिया है। इतना ही नहीं इस अभियान में समाज के साथ साथ इससे जुड़े लोगों को व्यक्तिगत रूप से भी एयरटेल जैसी कंपनी में रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘डिजिटल इंडिया’ को नया मुकाम देते हुए देश की अग्रणी दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने जब मध्यप्रदेश में महिलाओं को डिजिटली साक्षर बनाने के लिए ई-शक्ति अभियान चलाया था, तो उसे जरा सा भी अनुमान नहीं था कि उसे इस सेवा का फल इतना मीठा मिलेगा। इस अभियान को चलाने के लिए उसने जिन मैनेजमेंट ट्रेनी बच्चों को चुना था, उनमें प्रतिभा और क्षमता को देखते हुए एयरटेल ने ऐसे 15 बच्चों को अपने यहां जॉब ऑफर किया है। इनमें नौ लड़के और पांच लड़कियां हैं।
यह अभियान चलाते समय एयरटेल के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी कि महिलाओं को ट्रेनिंग देने वाले लोग कहां से लाएं। कंपनी ने तमाम संभावनाओं को तलाशने के बाद अंत में उन बच्चों का रुख किया जो मैनेजमेंट का कोर्स कर रहे हैं। कंपनी ने ऐसी कुछ संस्थाओं से संपर्क किया और इंदौर की प्रेस्टिज मैंनेजमेंट संस्था इसके लिए राजी हो गई। उसने अपने यहां के छात्रों को इस अभियान की ट्रेनिंग से जोड़ दिया। इससे दोहरा फायदा हुआ। उन छात्रों को अपने ही गृह जिले में ट्रेनिंग करने को मिल गई और उस जिले की महिलाओं को एक ठीक ठाक ट्रेनर हासिल हो गया।
आमतौर पर इंटरनेट के उपयोग को लेकर ग्रामीण महिलाओं में तीन तरह की प्रतिक्रियाएं होती हैं। सबसे पहले तो वे इसके उपयोग को लेकर ही हिचकिचाती हैं। दूसरे उन्हें लगता है कि यह उनके किस काम का है और तीसरे वे इसलिए ठिठक जाती हैं कि कुछ करने के दौरान उनसे कोई गलती हो गई तो क्या होगा? ट्रेनिंग में लगाए गए बच्चों ने उनकी ये तीनों हिचक दूर कीं। राज्य के 23 जिलों में इस अभियान के तहत 200 बच्चे ट्रेनिंग के काम में लगाए गए थे। उन्होंने महिलाओं को बताया कि इंटरनेट का उपयोग बहुत सरल है, यदि वे इसका उपयोग करती हैं तो उनके जीवन में कई तरह की असुविधाएं दूर हो सकती हैं। साथ ही उन्हें यह भी समझाया गया कि वे अपने फोन से पूरी आजादी के साथ इसका उपयोग करें, गलती करके ही तो वे सीखेंगी। गलती होने से घबराएं नहीं। इस बात ने महिलाओं को इंटरनेट के उपयोग का हौसला दिया है और अब वे इसका उपयोग करने लगी हैं। मंदसौर जिले के गरोठ में तो महिला जागरूकता का असाधारण नजारा दिखा जब कैंप में बेटी ट्रेनिंग दे रही थी और मां उससे सीख रही थी।