भोपाल, मई 2013/ राज्य साइबर पुलिस द्वारा प्रदेश में हो रहे साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या के मद्देनज़र लोगों से कुछ सावधानियाँ बरतने का आग्रह किया गया है। कई अपराध ऐसे हैं, जिसमें अज्ञात व्यक्ति द्वारा बैंक अधिकारी होने का उल्लेख कर, व्यक्तियों से उनके एटीएम कार्ड की जानकारी जैसे कार्ड नम्बर, वैधता दिनांक एवं पिन नम्बर प्राप्त कर धोखाधड़ी की गई है।
पुलिस महानिरीक्षक राज्य साइबर पुलिस अनिल गुप्ता ने कहा है कि किसी भी बैंक द्वारा उनके खाताधारकों से एटीएम कार्ड का नम्बर, वैधता दिनांक अथवा पिन नम्बर नहीं माँगा जाता है। यदि कोई भी व्यक्ति फोन अथवा ई-मेल के माध्यम से इस प्रकार की जानकारी माँगता है तो उसे ऐसी जानकारी कदापि नहीं दें। संदेह की स्थिति में तत्काल संबंधित बैंक की शाखा से सम्पर्क करें। यदि किसी को फोन अथवा ई-मेल द्वारा एटीएम कार्ड का नम्बर, वैधता दिनांक अथवा पिन नम्बर बताया गया है तो तत्काल संबंधित बैंक को सूचित करें अथवा कॉल-सेंटर पर शिकायत दर्ज करवायें। बैंकिंग के लिये पंजीकृत मोबाइल नम्बर के कॉल-सेंटर तथा संबंधित बैंक के कॉल-सेंटर का नम्बर हमेशा अपने पास रखें, जिससे जरूरत पर तत्काल सम्पर्क किया जा सके। बैंकिंग के लिये पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर आने वाले सभी मैेसेज को ध्यान से पढ़ें।
ट्रांजेक्शन पास वर्ड संबंधी तीन अपराध दर्ज
राज्य साइबर पुलिस द्वारा इंटरनेट बैंकिंग के दौरान ट्रांसजेक्शन पास वर्ड प्राप्त करने और वास्तविक धारकों की सिम बंद कराकर नई सिम प्राप्त करने संबंधी तीन अपराध दर्ज किये गये हैं। इन आरोपियों द्वारा लगभग 54 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है। पुलिस महानिरीक्षक ने कहा है कि बैंकिंग के लिये पंजीकृत मोबाइल नम्बर केवल स्वयं के नियंत्रण में रखें। यदि किसी भी मोबाइल कम्पनी द्वारा बगैर आवेदन के सिम ब्लॉक करवाने अथवा नई सिम उपलब्ध करवाने का मैसेज प्राप्त होता है अथवा फोन कॉल आता है, तो अतिशीघ्र मोबाइल कम्पनी को वास्तविक स्थिति से अवगत करवायें। यदि यह मोबाइल नम्बर किसी भी बैंकिंग सेवा से संबद्ध है, तो तत्काल वह सेवा जैसे मोबाइल बैंकिंग अथवा इंटरनेट बैंकिंग को बंद करवायें।