नई दिल्ली, जनवरी 2013/ मध्यप्रदेश के 2 किसान को वर्ष 2011-12 के कृषि कर्मण अवार्ड से नवाजा गया है। होशंगाबाद जिले के गंभीरसिंह पाल और रायसेन जिले की श्रीमती राधाबाई दुबे ने केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा स्थापित यह पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों राष्ट्रपति भवन में प्राप्त किया। उन्हें एक-एक लाख रुपये की नगद पुरस्कार राशि तथा उच्च खाद्यान्न उत्पादकता प्राप्त करने के लिये प्रशस्ति-पत्र दिया गया।
प्रदेश के किसानों ने बेहतर कृषि पद्धतियाँ अपनाकर और उपलब्ध जल-संसाधन का श्रेष्ठतम उपयोग कर कृषि विकास की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। श्री गंभीर सिंह के पास लगभग 3.5 हेक्टेयर सिंचित भूमि है। वह आमतौर पर बारी-बारी से सोयाबीन और गेहूँ उगाते हैं। उन्होंने गेहूँ की जीडब्ल्यु-322 किस्म का उत्पादन किया और अपनी जमीन पर इसे रोपा। कृषि की उन्नत तकनीकों का उपयोग किया, जिनमें जमीन की गहरी जुताई, रोटावेटर का उपयोग, सीड ड्रिल के माध्यम से ट्राइकोडर्मा और कारबेन्डेजिम से बीजोपचार, एजोटोबेक्टर आदि का उपयोग शामिल हैं। चूँकि इनके खेत की मिट्टी गहन काली है, इसलिये उन्होंने अनुशंसित अवस्थाओं में ही सिंचाई की। 7400 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उत्पादकता प्राप्त की, जबकि जिले में सामान्य उत्पादकता 4742 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है।
रायसेन जिले की श्रीमती राधाबाई दुबे के पास सिर्फ 1.619 हेक्टेयर जमीन है। उन्होंने वर्ष 2011-12 के रबी मौसम में चने की बोवाई की। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित सर्वाधिक लोकप्रिय जेजी-11 किस्म का उपयोग किया और पोषक तत्व प्रबंधन के संबंध में वैज्ञानिकों द्वारा की गई अनुशंसाओं का पालन किया। उनके खेत में चने की उत्पादकता 2300 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रही, जबकि रायसेन जिले में यह उत्पादकता 1250 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। इस महिला कृषक द्वारा हासिल की गई यह उपलब्धि बहुत सराहनीय है।