भोपाल, जनवरी 2013/ राज्यपाल रामनरेश यादव ने समन्वय भवन में ’तेल एवं गैस संरक्षण पखवाड़ा 2013’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि हमारा भविष्य पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भर है। तेल एवं गैस की हम जितनी बचत करेंगे देश का भविष्य उतना ही समृद्ध और खुशहाल होगा। तेल बचत का विषय जितना गंभीर है, तेल की बचत करना उतना ही आसान है और हर व्यक्ति इस दिशा में अपना योगदान दे सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि तेल और प्राकृतिक गैस अमूल्य संपदा है। इनके संरक्षण तथा विवेकपूर्ण उपयोग की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक के कंधों पर है। प्रत्येक व्यक्ति को इस सामयिक और महत्वपूर्ण मुद्दे पर सजग, सतर्क और जागरूक होना होगा। आपसी समन्वय से हम रोजमर्रा के आने-जाने में होने वाले पेट्रोलियम के व्यय को काफी कम कर सकते हैं। सुझाव दिया कि सम्मेलन बुलाकर उपभोक्ताओं को तेल बचत की समझाईश दी जाना चाहिए। इस अभियान में छोटे बच्चों की जगह हाई-स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले युवा होते  बच्चों को शामिल किया जाना चाहिए।

राज्यपाल ने इस अवसर पर एक तेल एवं संरक्षण वाहन को झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में उपस्थितजन को पेट्रोल एवं गैस सरंक्षण की शपथ भी ग्रहण करवाई गई।

स्टेट लेवल कोआर्डिनेटर के. यशवीर गुप्ता ने कहा कि ऊर्जा देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण कारक है। ऊर्जा खपत में हमारे देश का विश्व में चौथा स्थान है। इस दृष्टि से भी मितव्ययता ही संरक्षण की पहली सीढ़ी है।

हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के आर.के. जिंदल ने कहा कि ऊर्जा उपयोग के प्रति जन-जागरूकता हमारा लक्ष्य है। छोटे-छोटे उपाय से बड़े संकट का सरल समाधान हो सकता है। गैस अथॉरटी ऑफ इंडिया(गेल) के के.एम. महाशब्दे ने कहा कि ऊर्जा साधनों के बिना भविष्य की कल्पना करना ही कठिन है। पेट्रोलियम और गैस 21 वीं शताब्दी का नया ईंधन है। इस अवसर पर डी.आर.एम राजीव चौधरी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भी भेंट किये गये।

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