भोपाल, जनवरी 2013/ प्रदेश में उच्च शिक्षा का विस्तार ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों तक करने के लिए वर्ष 2012 में 11 नये महाविद्यालय प्रारंभ किए गए। ग्रामीण पृष्ठ-भूमि के विद्यार्थियों को हिन्दी माध्यम से उच्च शिक्षा देने के उद्देश्य से इसी साल अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय स्थापित किया गया। साथ ही अनेक निजी विश्वविद्यालय भी स्थापित किए गए। दो नवीन क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय उज्जैन एवं सागर संभाग में खोले गये।

वर्ष 2012 में जिला सिंगरौली में चितरंगी और सरई, दतिया में इन्द्रगढ़, सीहोर में बकतरा, डोबी, श्योपुर में विधि महाविद्यालय, अनूपपुर में जैतहरी, अशोकनगर में ईसागढ़, मंदसौर में सीतामऊ, विदिशा में नटेरन और जिला देवास के टोंकखुर्द में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए गए।

ऑनलाइन एडमीशन वाला पहला राज्य

मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहाँ महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2012-13 से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ की गयी है। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया अपनाने से प्रदेश के विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को अनेक परेशानियों से मुक्ति मिली है। अब महाविद्यालयों एवं उनमें संचालित पाठ्यक्रमों की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध है। विद्यार्थियों को अलग-अलग महाविद्यालयों में जाकर आवेदन करने की जरूरत भी नहीं है। इस वर्ष स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया अपनायी गयी।

करीब 4 लाख छात्रों को कॅरियर मार्गदर्शन

वर्ष 2012 में विभिन्न शासकीय महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद केरियर मार्गदर्शन योजना में 3 लाख 82 हजार 572 विद्यार्थियों को केरियर मार्गदर्शन दिया गया। इसमें विद्यार्थियों को विभिन्न संकाय में केरियर अवसरों की जानकारी देने के साथ ही अवसर मेलों के माध्यम से विद्यार्थियों का केम्पस प्लेसमेंट भी हुआ।

इसी साल लिंगदोह समिति की अनुशंसा के आधार पर प्रदेश के महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव सफलतापूर्वक करवाए गए। प्रदेश के महाविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन, प्रबंधन आदि में गुणवत्ता वृद्धि के लिए वर्ष 2011-12 को गुणवत्ता एवं वर्ष 2012-13 को गुणवत्ता विस्तार वर्ष के रूप में मनाया गया। सुदूर अंचलों के महाविद्यालय में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए एम्बेसेडर प्राध्यापक योजना शुरू की गयी। प्राध्यापकों की कमी वाले महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की पढ़ाई में व्यवधान को रोकने के लिए ऐसे महाविद्यालयों में प्राध्यापकों को डिप्लाय किया गया।

इसी तरह उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्राचार्यों, शिक्षकों तथा प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने के लिए स्व. श्री लक्ष्मण सिंह गौड़ स्मृति पुरस्कार योजना लागू की गयी। प्रत्येक विश्वविद्यालय में किसी भी एक संकाय को उत्कृष्ट बनाए जाने का निर्णय लिया गया।

100 महाविद्यालय में स्मार्ट-क्लास

प्रदेश के 100 महाविद्यालय में स्मार्ट-क्लास और 110 शासकीय महाविद्यालय में कौशल विकास उन्नयन की कक्षाएँ प्रारंभ की गयी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here