भोपाल, जनवरी 2013/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि चौबीस घंटे विद्युत की आपूर्ति प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदल देगी। निरंतर विद्युत आपूर्ति से अर्थव्यवस्था गतिशील होगी। श्री चौहान यहाँ प्रशासन अकादमी में आयोजित ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि गाँव-गाँव में उद्योग लगें। निरंतर विद्युत आपूर्ति इस दिशा में पहला कदम है। युवाओं को स्वरोजगार के लिये वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की भी योजना बनाई जा रही है। विद्युत विभाग को सशक्त बनाने के लिये राज्य शासन ने करीब 12 हजार करोड़ रूपये बजट से उपलब्ध कराए हैं। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। विद्युत की आवश्यकता के अनुमान से अधिक विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसलिए अब 24 घंटे विद्युत का मतलब 24 घंटे ही हो। उपभोक्ता की संतुष्टि अनिवार्य है।
विद्युत वितरण कार्य का प्रभावी प्रबंधन हो। अमले को तकनीकी, प्रशासनिक के साथ ही संवाद कौशल का प्रशिक्षण भी दिया जाए। विभाग का जनता के साथ सीधा और जीवंत संवाद होना आवश्यक है। विभागीय कार्यों की गुणवत्ता और समय-सीमा में पूर्ण होने की जरूरत पर विशेष बल दिया। कहा कि निर्माण एजेंसियों के कार्यों की निरंतर मॉनीटरिंग हो। उनकी जायज समस्याओं के समाधान के भी प्रयास किए जाए।
श्री चौहान ने कहा कि मानव की आदि काल से अंधेरे से प्रकाश की ओर से जाने की चाह रही है। प्रदेश में निरंतर विद्युत आपूर्ति का सपना अब साकार हो रहा है। आत्मविश्वास से भरे अधिकारियों के चेहरों को देख कर उन्हें हार्दिक प्रसन्नता हो रही है।
ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि इस वर्ष के मध्य तक मध्यप्रदेश विद्युत कटौती मुक्त राज्य हो जाएगा। जनवरी माह में जबलपुर, बुरहानपुर में और फरवरी के प्रारंभ में इंदौर जिले में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति शुरू हो जाएगी। प्रदेश में 24 घंटे निरंतर विद्युत आपूर्ति के लिये तैयारियाँ पूर्ण हैं। आकलित आवश्यकता 61 हजार मिलियन यूनिट की तुलना में 64 हजार मिलियन यूनिट विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।