भोपाल/ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि प्रदेश के सभी 413 शहरों की अवैध कॉलोनियों को बिना किसी जटिल प्रक्रिया के नाममात्र के शुल्क पर वैध किया जाएगा।
मंदसौर में गुरुवार को यह घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अफसर कई बार प्रक्रिया को इतना जटित बनाते हैं कि काम हो ही नहीं सकता। लेकिन सरकार ने तय किया है कि अब यह काम बहुत सरल तरीके से होगा। नाममात्र की राशि जमा करवाई जाएगी और सभी अवैध कॉलोनियों को वैध कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया तो इसी वर्ष जनवरी से शुरू हो चुकी है, लेकिन नियम, प्रक्रिया की जानकारी के अभाव और फीस की राशि को लेकर संशय के चलते यह काम आग्र नहीं बढ पा रहा है। अब मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद नागरिकों की उम्मीदें एक बार फिर से जागी हैं।
नियम-प्रक्रिया के अंतर्गत कानूनी रूप में जिन कॉलोनियों को वैध किया जाएगा उनमें बिजली, पानी, सडक़, सीवर, साफ-सफाई सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं सरकार उपलब्ध कराएगी। वैध होने के बाद इन कॉलोनियों के मकानों में तोडफ़ोड़ की कार्रवाई नहीं की जा सकेगी। वैध करने के लिए शुल्क तो लिया जाएगा, लेकिन वह बहुत कम होगा। इसके बदले में सरकार कॉलोनी में पर्याप्त सुविधाएं देगी।
अवैध कॉलोनी का आशय ऐसी कॉलोनियों से है जो बिना भूमि डायवर्सन और शासन की अनुमति के निजी भूमि या कृषि भूमि पर प्लॉट काटकर बसा दी गईं हैं। इनमें अधिकांश कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। ऐसी कॉलोनियों को इस प्रहिया में शामिल किया जाएगा। ऐसी कॉलोनी, जो शासकीय भूमि को घेरकर बसा दी गई हो। जो ग्रीन बेल्ट पर अर्थात पार्क अथवा उद्यान की जमीन पर बसा दी गईं हो। जो शासकीय कृषि अथवा वनभूमि पर बसी हों उन्हें वैध नहीं किया जाएगा।