कहीं आपको भी तो नहीं मिली इतनी महँगी सीख?

जी हाँ, बहुत महँगी सीख, आज सभी के साथ साझा कर रहा हूँ। वैसे तो कहावत है ‘लाख टके की बात’, परंतु इस बात की समग्र क़ीमत है, 13,00,000 रुपये और वास्तविक क़ीमत है 3,00,000 रुपये। वास्तव में यह मेरे साथ घटित हुआ।

मेरे द्वारा स्वयं का बिजली बिल दिनांक 20/07/2022 को अपराह्न 5.00 बजे MPEB के “UPAY App” से जमा कर दिया गया था, परंतु फिर भी मुझे लास्ट डेट के पूर्व बिल जमा करने हेतु मैसेज प्राप्त हुआ, जो कि MPEB का वास्तविक मैसेज था एवं एक सामान्य प्रक्रिया थी। अब अगले दिन एक नए व्हाट्सएप नंबर से MPEB के नाम से बिजली बिल जमा करने हेतु मैसेज आया एवं रात 9:30 बजे कनेक्शन काटने की हिदायत भी थी।

चूँकि पहले MBEB का वास्तविक मैसेज था, अंत: मैंने भ्रमित होकर फ़र्ज़ी मैसेज को भी MPEB का मैसेज समझ कर अपनी बिल जमा रसीद की कॉपी के साथ एक कड़ा संदेश भी पोस्ट कर दिया। इसके पश्चात उधर से MPEB की रंग बिरंगी हाई टेंशन लाइन की फ़ोटो के साथ ‘कॉल ऑफ़िसर’ का नंबर भेज कर उनसे बात करने की सलाह दी गई।

मैंने इसे सही मानते हुए डांट लगाने हेतु कॉल किया, पर उधर से बड़ी अदब के साथ कहा गया कि “सर, आपका बिल समय से पहले जमा हो चुका है, गलती हमारी है, यह एक टेक्नोलॉजिकल समस्या है, हमारा सॉफ़्टवेयर अपडेट नहीं है। हम इसे अपडेट करना चाहते हैं, ताकि आपको बार-बार ऐसे मैसेज से परेशानी न उठानी पड़े”। मैंने झुंझलाते हुए कहा “करो ना अपडेट, मुझे क्या मतलब है”। उसने कहा कि “सर आप हमारे सीनियर से बात कर लीजिए।”

अब सीनियर ने और अधिक मस्का लगाते हुए कहा “आप जैसे सीनियर एवं रेस्पांसिबल आफिसर्स से ही ये देश चल रहा है, गलती हमारी है सर, पर हमारी मजबूरी यह है कि जब तक हमारा सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होगा, आपको ऐसे मैसेज परेशान करते रहेंगे, और यह बिना आपके सहयोग के संभव नहीं हो सकता। बस आपको गूगल प्ले स्टोर से ‘AnyDesk App’ डाउनलोड करना है। पहले तो मैंने मना कर दिया, पर उसकी बार-बार मनुहार एवं मस्केबाजी से प्रभावित होकर डाउनलोड कर ही लिया।

अब उसने एप पर ब्लिंक हो रहे फ़िगर को बिना फ़ोन काटे हुए बताने की प्रार्थना की। पुनः पहले तो मैंने मना किया, पर बाद में बार-बार कहने पर यह मानते हुए कि यह कोई ‘ओ.टी.पी.’ नहीं है, बता दिया। अब उसने मात्र 1 रुपया SBI Net banking से ट्रांसफ़र करने हेतु आग्रह किया गया, जिसे पुनः मेरे द्वारा पहले तो मना किया गया, पर उसके बार-बार आग्रह करने पर ट्रांसफ़र करने का प्रयास किया गया, पर पासवर्ड ग़लत होने से ट्रांसफ़र संभव नहीं हो सका।

अचानक मोबाइल पर धड़ाधड़ ओटीपी आने लगे और फिर तीन लाख और दस लाख की MOD टूटने के मैसेज आने लगे। मैं घबरा कर भगवान के चरणों में गिर कर रक्षा करने की प्रार्थना करने लगा, भगवान ने दस लाख का ट्रान्जेक्शन तो रोक दिया पर तीन लाख तो निकल ही गए। यद्यपि SBI का मैसेज उनके बताए नंबर पर फ़ॉरवर्ड करने हेतु आया था, परंतु घबराहट एवं पुराने मोबाइल में मैसेज फ़ॉरवर्ड करने की जटिल एवं असहज प्रक्रिया के कारण यह संभव नहीं हो पाया।

मैं जल्दी से तैयार होकर सीधे SBI की गुलमोहर ब्रांच भागा एवं दोनों खाते ब्लॉक कराए, तत्पश्चात् बैंक की सलाह पर साइबर क्राइम ब्रांच, कोहेफिजा जाकर रिपोर्ट कराई। अब बैंक एवं साइबर पुलिस जाँच कर राशि वापस कराने का प्रयास कर रहे हैं। इस राशि से आईसीआईसी बैंक के क्रेडिट कार्ड की आउटस्टेन्डिंग एमाउंट का पेमेंट हुआ है, जिसका नाम पता आदि की जानकारी प्राप्त हो चुकी है, कार्रवाई जारी है।

सीख- हमें इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि हम जब तक ओटीपी नहीं बताएँगे तब तक कोई पैसा नहीं निकाल सकता, अब ‘Any Desk App’ आ जाने से हमारे द्वारा उस पर ब्लिंक हो रहे नंबर बताने के पश्चात हमारे मोबाइल के स्क्रीन का पूरा कंट्रोल उसके कंट्रोल में चला जाता है एवं हमारे मोबाइल की पूरी जानकारी तथा स्क्रीन का कंट्रोल वह कर लेता है। अर्थात् कहीं दूर बैठा कोई बदमाश हमारे अकाउंट को बड़े आराम से ऑपरेट कर चुटकी बजाते ही हमारा बैंक बैलेंस उड़ा सकता है और हमारे हाथ केवल ओटीपी एवं ट्रांसेक्शन मैसेज ही लगेंगे।

अतः आप सभी से अनुरोध है कि कृपया सजग और सावधान रहें, अनजाने नंबर को न अटेंड करें, और न ही किसी अनजान व्‍यक्ति के कहने पर ‘AnyDesk App या अन्य कोई भी App डाउनलोड करें। MPEB या अन्य कहीं से भी कोई मैसेज प्राप्त होने पर संबंधित के वैध/अधिकृत नंबरों पर संपर्क कर सूचित कर जानकारी प्राप्त करें। और हाँ! बदमाशों को डाँटने/धमकाने के लिए उनका फ़ोन अटेंड करने की अपेक्षा फ़ोन काट देने में ही आपकी भलाई है।

यदि दुर्भाग्यवश किसी धोखाधड़ी का शिकार हो ही जाते हैं तो तत्काल बैंक द्वारा प्रेषित मैसेज को निर्देशित नंबर पर फारवर्ड करना तथा साइबर क्राइम पुलिस शाखा को शिकायत करना न भूलें।
(यह एक शासकीय अधिकारी की आपबीती है जो उन्‍होंने सोशल मीडिया पर साझा की है।)

नोट- जनहित में इसे बाकी लोगों को भी फॉरवर्ड कर सकते हैं।

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