कैसी है ये दुनिया
जहां लोग अच्छे वक्त में शामिल होते हैं
पर बुरे में नहीं
जहां लोग शहद जैसा बोलते हैं
और अंदर से जहर घोलते हैं
जहां लोग स्वार्थ के लिए रिश्ते बनाते हैं
जहां लोग पीठ पीछे छुरा चलाते हैं
जहां लोग धन के लिए कत्ल कर जाते हैं
जहां लोग गरीबी में एक दूसरे का साथ छोड़ देते हैं
जहां लोग खून के रिश्ते तोड़ देते हैं
जहां लोग अंधविश्वास में विश्वास करते जा रहे हैं
जहां लोग अधर्म और कुमार्ग पर चलते जा रहे हैं
कैसी है ये दुनिया, कैसी है ये दुनिया…!!
– शिवि अग्रवाल