कोविड अफवाहों से निपटने में मीडिया की अहम भूमिका

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने यूनीसेफ के सहयोग से बुधवार को देश भर के पत्रकारों और मीडियाकर्मियों के लिए कोविड से संबंधित वेबिनार का आयोजन किया। इसमें मुख्‍य रूप से कोविड टीकाकरण को लेकर फैली भ्रांतियों और अफवाहों के साथ साथ कोविड प्रोटोकॉल के पालन को लेकर जानकारी दी गई ताकि मीडिया और संचार से जुड़े लोग आम जनता में फैली गलत धारणाओं का दूर कर कोविड महामारी पर नियंत्रण के अभियान में सक्रिय रूप से भागीदार हो सकें।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव राजेश भूषण ने ऑनलाइन हुई इस कार्यशाला में देश भर के पत्रकारों, हेल्‍थ रिपोर्टर्स के अलावा दूरदर्शन, आकाशवाणी और पत्र सूचना कार्यालय के विभिन्‍न राज्‍यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों सहित करीब 300 लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड परिस्थिति से निपटने में मीडिया की महत्‍वपूर्ण भूमिका है जिसे मीडिया के लोग पूरी जिम्‍मेदारी से निभा रहे हैं और इसके लिए वे धन्‍यवाद के पात्र हैं। अब जब कोरोना की दूसरी लहर उतार पर है तब टीकाकरण जैसे काम को और मजबूती प्रदान करने की जरूरत है और इसमें सबसे बड़ी बात टीके को लेकर लोगों के बीच फैले भ्रम, गलत धारणा और अफवाहों को दूर करना है। नई गाइडलाइन के अनुसार 18 साल से ऊपर की उम्र के लोगों के लिए कोरोना वैक्‍सीन निशुल्‍क लगाई जानी है और इस बात का पूरी ताकत से प्रचार प्रसार होना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग टीकाकरण के प्रति प्रेरित हों।

उन्‍होंने कहा कि महामारी जैसी स्थिति में मीडिया की भूमिका और भी महत्‍वपूर्ण हो जाती है खासकर तब जब टीके जैसे उपायों को लेकर लोगों के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश हो रही हो। मीडिया इस भ्रम और गलत धारणाओं को तोड़ने में बहुत बड़ा मददगार हो सकता है। आज लोगों को सही जानकारी देकर यह बताने की जरूरत है कि वे कोविड के उपयुक्‍त आचरण करने के साथ साथ टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण पर ध्‍यान दें। इसी से हम इस महामारी के खतरे से निपट सकते हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कोविड से निपटने की रणनीति पर विस्‍तार से अपनी बात रखते हुए कहा कि कोविड जैसी महामारियां किसी क्षेत्र या सीमा के बंधन में नहीं बंधी रहतीं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम सामूहिक रूप से प्रयास कर इसका मुकाबला करें। अनलॉक की स्थिति निर्मित होने के बाद लोग यदि सचेत नहीं रहे और कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया तो महामारी का खतरा बना रहेगा। ऐसे में लोगों को जागरूक करने और उन्‍हें भ्रामक सूचनाओं से दूर रखने में मीडिया की अहम भूमिका है। श्री लव अग्रवाल ने कार्याशला में भाग लेने वाले पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए और उनकी कई शंकाओं का निवारण किया।

कार्यशाला में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों के अलावा यूनीसेफ और पत्र सूचना कार्यालय के वरिष्‍ठ प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here