आकाश शुक्ला
अक्सर देखा गया है कि अचल संपत्ति खरीदते समय संपत्ति की लोकेशन और कीमत पर तो खरीददार पूरा ध्यान देते हैं, परंतु अन्य आवश्यक बातों पर नहीं, जिन पर ध्यान जरूर दिया जाना चाहिये। सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि अचल संपत्ति का विक्रय करने वाले व्यक्ति को वह संपत्ति विक्रय करने का पूरा अधिकार है कि नहीं। कई बार संयुक्त खाते की संपत्ति एक खातेदार द्वारा बिना बंटवारे के या बिना संयुक्त खातेदार की सहमति के विक्रय कर दी जाती है, ऐसी परिस्थिति में संयुक्त खातेदार से विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है।
कई बार क्रय की जा रही संपत्ति बैंक के पक्ष में बंधक रखी होती है, और विक्रेता उस संपत्ति का विक्रय कर देता है। ऐसी परिस्थिति में विक्रीत संपत्ति पर बैंक का अधिकार सर्वोपरि रहता है, एवं बैंक बंधक संपत्ति का विक्रय कर ऋण की राशि की वसूली कर सकती है। ऐसी परिस्थिति में बंधक संपत्ति का विक्रय पत्र क्रेता को स्वामित्व प्रदान नहीं करता है। एवं क्रेता को विवाद की स्थिति का सामना करना पड़ता है। इसीलिए संपत्ति क्रय करने के पूर्व यह जरूर पता कर लें कि संपत्ति बैंक में बंधक तो नहीं है। और यदि बंधक है तो संपूर्ण ऋण राशि का भुगतान करके, संपत्ति बंधक मुक्त होने के पश्चात ही क्रय करें। संपत्ति बैंक के पक्ष में बंधक है या नहीं इसकी जांच उप पंजीयक कार्यालय एवं तहसील कार्यालय से कराई जाए। या किसी जानकार अधिवक्ता की मदद लें।
संपत्ति क्रय करने के पूर्व संपत्ति के समस्त मूल दस्तावेज की जांच जरूर करना चाहिए। यदि विक्रेता से संपूर्ण संपत्ति क्रय की है, तो संपत्ति के समस्त मूल दस्तावेज विक्रेता से क्रेता को प्राप्त कर लेना चाहिए। संपत्ति विवादित तो नहीं है या किसी न्यायालय में संपत्ति के स्वामित्व संबंधी कोई विवाद तो लंबित नहीं है, उसकी जानकारी भी संपत्ति क्रय करने से पूर्व प्राप्त कर लेना चाहिए। विक्रेता यदि नाबालिग है तो सक्षम न्यायालय की अनुमति के बिना संपत्ति क्रय नहीं करना चाहिए।
संपत्ति का विक्रय पत्र निष्पादन करते समय उसके प्रारूप को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए कि उसमें समस्त जानकारियां एवं संपत्ति का विवरण सही सही लिखा हो। उसके पश्चात ही विक्रय पत्र का प्रारूप फाइनल कर विक्रय पत्र निष्पादित करना चाहिए। विक्रय पत्र निष्पादन से पूर्व यदि विक्रय करने का करार करते हैं तो उसे आवश्यक रूप से पंजीकृत करायें, क्योंकि अपंजीकृत विक्रय करार के कारण विवाद की स्थिति होने पर क्रेता के अधिकार असुरक्षित रहते हैं।
यदि किसी कॉलोनी में प्लॉट क्रय कर रहे हैं तो यह ध्यान रखें कि कॉलोनाइजर द्वारा समस्त आवश्यक अनुमति ली गई है कि नहीं? कॉलोनाइजर रेरा के अंतर्गत पंजीकृत है या नहीं? कालोनाइजर द्वारा स्वीकृत नक्शे के अनुरूप ही विक्रय किया जा रहा है या नही, यदि क्रय की जा रही संपत्ति स्वीकृत नक्शे के अनुरूप नहीं है, तो क्रय न करें। अवैध कालोनियों में संपत्ति क्रय करने से बचें, यह भविष्य में आपको कई परेशानियों से बचाएगा। इन सारी बुनियादी बातों को ध्यान में रखते हुए संपत्ति क्रय करने पर बहुत सारी वैधानिक परेशानियों से बचा जा सकता है।(मध्यमत)
(लेखक बैंकिंग एवं आर्थिक मामलों के वकील है)
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