भोपाल/ मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी और फोर्टिस हीरानंदानी हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में कोविड एसोसिएटेड म्यूकरमाइकोसिस विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। इस दौरान विशेषज्ञों ने ब्लैक फंगस जैसे भयावह रोग से बचाव और उपचार विषय पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही कई प्रश्नों के उत्तर देते हुए दर्शकों की जिज्ञासाओं को शांत किया।
कार्यक्रम के होस्ट मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर इंजीनियर गौरव तिवारी ने कहा कि ब्लैक फंगस को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां है। निश्चित ही इस वेबीनार के माध्यम से हम इस बीमारी के बारे में लोगों को सही दिशा प्रदान कर सकेंगे। मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि ब्लैक फंगस आज देश के लिए चुनौती बन चुका है ऐसे में देश के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों के वक्तव्य आप सभी तक पहुंचाना विश्वविद्यालय के लिए गौरवशाली पल है।
कार्यक्रम के वक्ता सीनियर न्यूरो फिजिशियन डॉ. पवन ओझा ने म्यूकरमाइकोसिस के मेडिकल ट्रीटमेंट एंटीफंगल थेरेपी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई और स्टेरॉइड्स का सेवन इस बीमारी को बुलावा दे सकता है। वहीं आपको शुगर कंट्रोल करने के साथ मुंह और नाक की सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसी कड़ी में वक्ता सीनियर ईएनटी सर्जन डॉक्टर के.पी. मोरवानी ने कहा कि इस बीमारी का पता नाक की एंडोस्कोपी, बायोप्सी, स्वॉब की जांच और फंगल कल्चर के माध्यम से की जा सकती है। वहीं बीमारी में खून के थक्के के जमने के कारण अक्सर मरीजों को खून पतला करने की दवाई दी जाती है। उन्होंने कई सारे उदाहरणों से इस रोग में सर्जरी की प्रक्रियाओं के बारे में भी बताया।
सीनियर आई सर्जन सुनील मोरेकर ने मायका म्यूकरमाइकोसिस के उदाहरण देते हुए सेल्यूलाइटिस, माइक्रोबायोम तथा ब्लैक फंगस के उपचार में एंडोस्कोपी के महत्व को बताया। उन्होंने म्यूकर, साइजोपस, एस्परजीलस तथा कैंडिडा द्वारा मनुष्य में विभिन्न रोगों के कारण और निदान पर विस्तार से चर्चा की। सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ. हरीश नायक ने मस्तिष्क में एंजीओ इनवेजन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए क्रेनियल म्यूकर माइकोसिस को अनेक उदाहरणों द्वारा समझाया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भाग लिया।