गिरीश उपाध्याय
समय परिवर्तनशील है। समय के साथ बहुत सी बातें बदलती हैं… मुहावरे भी… बरसों पहले हमारे पुरखों ने जो कहावतें और मुहावरे गढ़े थे वे अपने देशकाल और परिस्थितियों के हिसाब से गढ़े थे। 21 वीं सदी में बहुत कुछ बदला है, हमारा जीवन और जीवन शैली दोनों इससे प्रभावित हुए हैं। जाहिर है हमारे अनुभव का दायरा और तरीका भी बदला है। इस नए समय में हम नए जमाने के नए मुहावरे गढने की कोशिश कर रहे हैं। प्रयास होगा कि प्रतिदिन ऐसा ही एक नया मुहावरा मध्यमत के पाठकों तक पहुंचाया जाए जो उन्हें आज के समय के अनुभवों पर आधारित कोई सीख दे सके… सीख न भी हो तो उन्हें सोचने पर मजबूर कर सके… उम्मीद है यह प्रयास आपको पसंद आएगा…
तो आज का मुहावरा है-
ड्रायवरी में गियर से दोस्ती और क्लच से बैर नहीं चलता…!