फिर शुरू होगा माणिकचंद्र वाजपेयी पत्रकारिता सम्मान

भोपाल/ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा दुर्भावना से बंद किए गए माणिकचंद्र वाजपेयी ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता सम्मान को फिर शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से यह जानकारी दी कि इस सम्मान के लिए चयनित पत्रकारों को ढाई लाख रुपये की राशि सम्मान स्वरूप दी जाएगी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा का मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी समारोह समिति, विश्व संवाद केंद्र मध्यप्रदेश और पत्रकार जगत ने स्वागत किया है।

मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित यह प्रतिष्ठित सम्मान राष्ट्रीय एवं जन सरोकार की पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए ख्याति प्राप्त पत्रकारों को प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार मध्य प्रदेश के प्रख्यात सम्पादक एवं चिन्तक माणिकचंद्र वाजपेयी उपाख्य ‘मामाजी’ की स्मृति और उनकी प्रखर पत्रकारिता को समर्पित था। इस सम्मान के लिए चयनित पत्रकारों को सम्मान राशि भी दी जाती थी। लेकिन, कांग्रेस सरकार ने पिछले वर्ष पत्रकारों को दिए जाने वाले इस सम्मान को बंद कर दिया था। उस समय पत्रकार जगत में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस निर्णय की खूब आलोचना हुई थी।

मामाजी के नाम से प्रतिष्ठित पुरस्कार को जिस वर्ष कांग्रेस सरकार ने बंद किया था, वह उनका जन्मशताब्दी वर्ष था। उनकी स्मृति में वर्ष भर कार्यक्रम आयोजित हुए, जिसमें देश के प्रमुख पत्रकारों एवं मूर्धन्य विद्वानों ने हिस्सा लिया। बीते बुधवार को नईदिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पूर्व राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी और वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय की उपस्थिति में उनके जन्मशताब्दी वर्ष का समापन समारोह आयोजित हुआ।

उनकी 101वीं जयंती के प्रसंग पर ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक के बाद एक चार ट्वीट कर माणिकचंद्र वाजपेयी जी को याद किया और उनके नाम से स्थापति पुरस्कार को पुनः प्रारंभ करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया है कि पत्रकारिता में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को माणिकचंद्र वाजपेयी पत्रकारिता सम्मान से पुरस्कृत किया जाता रहा है, चयनित पत्रकार को सम्मान के रूप में 2.51 लाख रुपये की राशि भेंट की जाती थी। राजनीतिक विद्वेष के कारण कांग्रेस ने माणिकचंद्र वाजपेयी ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार देना बंद कर दिया था। हमने यह पुरस्कार पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश सरकार मामाजी के नाम पर पुनः पुरस्कार देगी। पत्रकार जगत ने उत्साह से उनकी इस घोषणा का स्वागत किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने मामाजी का 7 अक्टूबर, 2020 को जन्मशताब्दी वर्ष मनाया है। आज भले ही मामाजी हमारे बीच प्रत्यक्ष उपस्थित नहीं है लेकिन उनके द्वारा स्थापित उच्च आदर्श और अपने जीवन को राष्ट्ररूपी यज्ञ कुंड में समिधा की तरह जलाकर प्रकाश पुंज फैलाने वाले विचार हमें सदा प्रेरित करते रहेंगे।

माणिकचंद्र वाजपेयी लंबे समय तक मध्यप्रदेश की पत्रकारिता में सक्रिय रहे। उन्होंने अपनी लेखनी से राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों पर देश-समाज का प्रबोधन किया। आपातकाल के दौरान मामाजी को तत्कालीन सरकार ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था, लेकिन इसके बावजूद उनकी लेखनी थमी नहीं। उन्होंने पत्रकारिता जगत को कई प्रतिष्ठित पत्रकार दिए हैं।

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