विशेष प्रतिनिधि
भोपाल/ क्या मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ चीन के एजेंट हैं? शुक्रवार को इस सवाल ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया। कमलनाथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और नौ बार मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से लोकसभा सांसद रहे हैं। इस समय वे मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। जैसे ही उन्हें चीन का एजेंट बताने वाली खबर आई कांग्रेस में खलबली मच गई।
दरअसल कमलनाथ को चीन का एजेंट, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सदस्य प्रभात झा ने बताया है। झा ने शुक्रवार को कहा कि कमलनाथ जब केंद्र में मंत्री थे तो वे चीन के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे। प्रभात झा इन दिनों भोपाल आए हुए हैं और उन्होंने भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय उद्योग और वाणिज्य मंत्री रहते हुए कमलनाथ ने चीन के पक्ष में काम किया था। उन्होंने ऐसी कई वस्तुओं पर आयात शुल्क 40 से 200 प्रतिशत तक कम कर चीनी कंपनियों को फायदा पहुंचाया। चीन से ऐसी चीजों का भी बड़ी मात्रा में आयात किया गया जो भारत में ही उपलब्ध थीं।
झा ने इससे संबंधित दस्तावेज भी होने का दावा करते हुए कमलनाथ को चीन का एजेंट बताया और कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और भारत की कांग्रेस पार्टी के बीच हुए समझौते से चीन को फायदा हुआ और बदले में चीन ने राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा दिया। उद्योग मंत्री रहते हुए कमलनाथ ने इस पूरे मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रभात झा के आरोपों ने कांग्रेस को तिलमिला दिया और उसने पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाने से पहले भाजपा खुद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की चीन यात्राओं के बारे में स्पष्टीकरण दे। कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि जब से ज्योतिरदित्य सिंधिया को भाजपा ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया, प्रभात झा तभी से बेचैन चल रहे हैं। इसीके चलते वे ऊलजलूल बयानबाजी कर रहे हैं।
सलूजा ने कहा कि नौ बार के सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ पर ऐसे आधारहीन आरोप लगाने से पहले प्रभात झा पार्षद या सरपंच का चुनाव लड़ कर दिखाएं। वे अपने नेता और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की चीन यात्राओं का भी खुलासा करें और बताएं कि शिवराज ने इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के दौरान पीथमपुर में चीनी कंपनियों के लिए अलग से जमीन रखवा कर उन्हें विशेष रियायतें क्यों दी थीं। चीन से भाजपा नेताओं के प्रेम का जिक्र करते हुए सलूजा ने कहा कि गुजरात मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी चार बार चीन की यात्रा की। जबकि प्रधानमंत्री रहते हुए वे पांच बार चीन गए। इसका मतलब क्या निकाला जाए?
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टीम मध्यमत