केंद्र सरकार ने आयकर रिटर्न भरने की तारीख बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दी है। कंपनियां अब 12 की बजाय 10 फीसदी ईपीएफ जमा करेंगी। आत्मनिर्भर भारत के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की जानकारी देने के लिए बुधवार को बुलाई गई प्रेस कान्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री द्वारा दी गई जानकारियों के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-
– इनकम टैक्स भरने की सीमा 30 नवंबर 2020 तक बढ़ाई।
– 15 हजार से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता।
– TDS और TCS को 25 फीसदी घटाया जाएगा।
– ऑडिट की तारीख बढ़ाकर 31 अक्टूबर की गई।
– सैलरी का 24 परसेंट सरकार पीएफ में जमा करेगी।
– जून, जुलाई, अगस्त तक कर्मचारियों को ई-पीएफ सरकार देगी।
– कंपनियां अब 12 की बजाय 10 फीसदी ई पीएफ जमा करेंगी।
– MSME को 3 लाख करोड़ रूपये का कोलेटरल गारंटी फ्री लोन।
– 31 अक्टूबर 2020 तक, कोई गारंटी फीस नहीं
– MSME को विस्तार के लिए 50 हजार करोड़।
– ज्यादा टर्नओवर के बावजूद MSME का दर्जा ख़त्म नहीं होगा।
– ज्यादा निवेश के बावजूद MSME का दर्जा बना रहेगा।
– कारोबार ज्यादा होने पर भी MSME का फायदा मिलता रहेगा।
– एक करोड़ के निवेश वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट होगी।
– 200 करोड़ तक का टेंडर ग्लोबल टेंडर नहीं होगा।
– हर आकार में MSME सरकारी टेंडर में भाग ले सकेंगे।
– MSME को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा।
– MSME के सरकारी बकाये का भुगतान 45 दिन में होगा।
– NBFC के लिए 30 हजार करोड़ की स्कीम।
– NBFC के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम।
– नगदी संकट झेल रही बिजली कंपनियों को 90 हजार करोड़ की मदद।
– कंस्ट्रक्शन कंपनियों को 6 महीने की राहत मिलेगी।
– निर्माण और माल सेवा से जुड़े कामों में राहत।