क्या स्नैपचैट कांड समाज व स्त्री के बदलते मानस का संकेत है?

अजय बोकिल

यह शायद अपने ढंग का पहला और विचलित करने वाला प्रकरण है। क्योंकि जहां एक तरफ पूरा देश कोरोना से जंग लड़ने में व्यस्त है, वहीं दूसरी तरफ इस एकांत में हमारी किशोर पीढ़ी क्या कर रही है, यह इसका स्तब्ध करने वाला नमूना है। नई दिल्ली के बहुचर्चित ‘ब्‍वॉयज लॉकर रूम’ केस में पुलिस का खुलासा‍ सचमुच हैरान करने वाला है। क्योंकि सोशल मीडिया पर एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की स्नेपचैट करने वाले किशोरों के ग्रुप का मामला सामने आने के बाद यही माना जा रहा था कि यह महिलाओं के प्रति पुरुषों की घृणित मानसिकता और पूर्वाग्रह का ही एक और उदाहरण है। इसके लिए सोशल मीडिया में पूरे पुरुष समाज को भी ट्रोल किया गया।

लेकिन मामले की गहराई से जांच से पता चला कि एक लड़की ने ही ‘सिद्धार्थ’ नाम से लड़के का एक फेक अकाउंट बनाया और वही गैंगरेप को लेकर बातचीत के लिए लड़कों को उकसाती थी। हालांकि पुलिस ने उसका नाम उजागर नहीं किया है, लेकिन बताया जाता है कि युवती ने यह सब इसलिए किया कि वह गैंगरेप को लेकर लड़कों की प्रतिक्रिया जानना चाहती थी! यह शायद उसके लिए ‘मनोरंजन’ था।

दिल्ली पुलिस के डीसीपी साइबर सेल अन्येश रॉय के अनुसार लड़की गैंगरेप की बातचीत के ज़रिए एक लड़के के व्यवहार और चरित्र का पता लगाना चाहती थी। दरअसल ये दो लोगों के बीच की बातचीत थी और उस लड़की की मंशा धोखा करना नहीं था। इसलिए क़ानून के अनुसार उसके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है।

पहले पूरा मामला समझें। देश में सख्त लॉक डाउन के दौरान एक सोशल मीडिया यूजर ने 3 मई को ‘Bois Locker Room’ इंस्टाग्राम चैट ग्रुप के बारे में बड़ा खुलासा किया। उसने बताया कि इंस्टाग्राम ग्रुप में साउथ दिल्ली के सैकड़ों युवक हैं, जो कथित रूप से ग्रुप में नाबालिग लड़कियों के फोटो शेयर करते हैं। इस ग्रुप में लड़कियों को देखकर ‘गैंगरेप’ प्लान भी किया जाता है। यह खबर चलने के बाद सोशल मीडिया में Bois Locker Room ट्रेंड करने लगा।

इस मामले की जांच के निर्देश दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने खुद संज्ञान लेते हुए पुलिस को दिए थे। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि इंस्टाग्राम पर ये हरकत एक घिनौनी, अपराधी और बलात्कारी मानसिकता का प्रमाण है। इसके बाद उन्हें भी जान से मारने की धमकियां मिलीं।

दरअसल सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम पर बॉयज लॉकर रूम नाम से 17-18 साल के लड़कों का एक ग्रुप था। इस ग्रुप में लड़कियों की मॉर्फ्ड (कटपेस्ट से बनाई फर्जी फोटो) फोटो अपलोड कर अश्लील चैट (बातें) की जाती थीं। साथ ही कम उम्र की लड़कियों के साथ घिनौने अपराध की धमकी दी जाती थी। सोशल मीडिया पर इन चैट्स के स्क्रीनशॉट्स वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई। उसके सायबर सेल ने 18 साल के एक लड़के को पकड़ा। वह ग्रुप एडमिन था।

पुलिस ने व्यापक पूछताछ के बाद सभी डिवाइसेज जब्त कर उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा। इस बीच ग्रुप में हुई अश्लील बातचीत के स्क्रीन शॉट पब्लिक डोमेन में आ चुके थे। उसी के आधार पर एक नाबालिग की पहचान की गई। पुलिस के मुताबिक ‘सिद्धार्थ’ नाम से नाबालिग लड़की ने एक नाबालिग लड़के को अपने गैंगरेप की प्लानिंग सुझाई। लेकिन लड़के ने ‘सिद्धार्थ’ के सुझाए प्लान में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया और बातचीत भी बंद कर दी। उस लड़के ने चैट का स्क्रीनशॉट अपने दोस्तों के ग्रुप में भेज दिया, जिसमें वह लड़की भी शामिल थी।

लेकिन सिर्फ लड़की को ही पता था कि ‘सिद्धार्थ’ नाम का प्रोफाइल काल्पनिक है, जो उसी ने बनाया था। ग्रुप के दोस्तों में से एक ने स्क्रीनशॉट इंस्टाग्राम स्टोरी के तौर पर पोस्ट कर दिया, जहां से यह सोशल मीडिया अकाउंट्स में वायरल हो गया। इस बीच पूरे प्रकरण में पुलिस के खुलासे के बाद प्रतिक्रियाओं का ट्रेंड बदल गया। कई महिलाओं ने खुद को शर्मसार महसूस किया तो पुरुष सोशल मीडिया यूजर्स ने उस लड़की को कड़ा दंड देने की मांग शुरू कर दी। उनका कहना था कि अपराधी को सजा के मामले में लैंगिक भेदभाव मंजूर नहीं है। इस बीच पुलिस पूछताछ के डर से गुरूग्राम के एक किशोर ने आत्महत्या कर ली।

इस मामले में कानून क्या करेगा, यह देखने की बात है, लेकिन इससे भी ज्यादा अहम इसका सामाजिक और नैतिक पक्ष है। पूरा मामला उजागर होने और कथित अपराधी का खुलासा होने के बीच समाज के नैतिक पतन, पुरुषों का महिलाओं के प्रति भोगवादी रवैया, ‘पुरुष, पुरुष ही रहेंगे’ जैसे अतिवादी कमेंट और देश में महिलाओं की बदतर होती स्थिति को लेकर लगभग एकतरफा टिप्पणियां हुईं। क्योंकि ऐसे मामलों में अक्सर महिलाएं ही पुरुषों की ज्यादती और दंबगई का शिकार होती रही हैं। लेकिन इस गैंगरेप चैट कांड की धुरी जब एक नाबालिग युवती निकली तो सभी भौंचक रह गए।

यही इस पूरे मामले का क्लायमेक्स भी है। सवाल यह है कि उस नाबालिग लड़की ने ऐसा क्यों किया? अगर यह केवल मनोरंजन के लिए था तो भी हमारा समाज अभी उसे पचाने लायक नहीं हुआ है। ये सच है कि आज इंटरनेट की दुनिया ने हर उम्र के लिए जीवन के सारे रहस्य निर्विकार ढंग से खोल दिए हैं। लिहाजा नई पीढ़ी अब बचपन से सीधे प्रौढ़ावस्था में ही जम्प मार रही है।

किशोरावस्था, लड़कपन, अल्हड़पन जैसे शब्द ट्रैश फोल्डर में जा चुके हैं या फिर कवि कल्पना में ज्यादा नहीं रह गए हैं। ‘रोमांटिक’ होने का अब कोई खास मतलब नहीं है। हो सकता है उस नाबालिग लड़की ने महज ‘एंज्‍वॉय’ करने के लिए यह सब किया हो, लेकिन इससे यह भी पता चलता है कि हमारी किशोर पीढ़ी के ‘मनोरंजन’ के साधन और माध्यम क्या हैं? ये समाज अब आगे किस दिशा में जाने वाला है? वरना किसी लड़की के साथ गैंगरेप जैसा घृणित कृत्य ‘मनोरंजक’ कैसे हो सकता है और वो भी किसी स्त्री के लिए?

नैतिकतावादी और संस्कारवादी इसे समाज के घोर नैतिक पतन की संज्ञा देंगे। किसी हद तक वह सही भी है, लेकिन सवाल और चुनौती उससे भी गहरी है। वो ये कि सोशल मीडिया के इस अतिक्रमण को हम कैसे रोकें, क्या संभव है भी? क्या बच्चों को सेक्स शिक्षा देने का सही समय अब आ गया है? क्या ऐसा करने से इस तरह की घटनाएं रुक जाएंगी? स्त्री और पुरुष के बीच भावी रिश्ते अब कैसे होंगे? इन तमाम सवालों के सही जवाब देना अभी मुश्किल है।

एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि कोरोना काल के ‘थोपे गए एकांत’ का उपयोग लोग किस ढंग से कर रहे हैं। इसमें सेक्स अपराध बढ़ने की आशंका भी जताई गई थी। दिल्ली की घटना ने संकेत ‍दे दिया है कि लॉक डाउन में जहां एक तरफ भुखमरी का डर है, वहीं दूसरी तरफ इसने सेक्स की भूख अलग तरह से भड़का दी है। ये दोनो विरोधाभासी स्थितियां हैं।

इससे यह भी साफ होता है कि महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। वे लाज, झिझक और अबला के खोल से बाहर निकल रही हैं। लिहाजा उनकी यह मौजूदगी गैंगरेप चैट कांड में भी है। महिलाओं के इस मानसिक बदलाव का अर्थ आप चाहे जो निकालें। सामाजिक बराबरी का दावा या फिर महिला होने का भावनात्मक दोहन।

इस मामले में एक महिला सोशल मीडिया यूजर का कमेंट बड़ा मार्मिक था- ‘हमारे समाज में लड़की ‘दोषी‍ सिद्ध होने तक निर्दोष रहती है और लड़का निर्दोष सिद्ध होने तक दोषी रहता है।‘’ आप इससे सहमत हैं?


कृपया नीचे दी गई लिंक पर क्लिक कर मध्‍यमत यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

https://www.youtube.com/channel/UCJn5x5knb2p3bffdYsjKrUw

टीम मध्‍यमत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here