मध्यमत डॉट कॉम के एक पाठक ने मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव के संदर्भ में हो रही घटनाओं को लेकर हमें एक टिप्पणी भेजी है। पाठक के अनुरोध पर हम उनका नाम प्रकाशित नहीं कर रहे हैं। आप भी पढि़ए यह टिप्पणी और सोचिए…
इस घटना को आप क्या कहेंगे?
मैं जानता हूं कि इस समय ऐसी बात करना न तो उचित है और न ही मानवीय, लेकिन मुझे लगता है कि राजनेताओं खासकर भारतीय जनता पार्टी से सवाल करने का यही ठीक समय है। मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि 9 जून को एक सड़क दुर्घटना में बुरहानपुर के विधायक राजेंद्र दादू के निधन की घटना को वे किस रूप में देखते हैं?
सामान्य परिस्थितियों में कोई भी दुर्घटना, एक अनहोनी के रूप में ही ली जाती है। हम कह देते हैं कि यह सब भाग्य का खेल है? क्या ईश्वर में अगाध विश्वास रखने वाली भाजपा भी इस हादसे को भाग्य का ही खेल मानेगी? क्या ऐसा नहीं लगता कि इस घटना के पीछे भाग्य के खेल से भी ज्यादा बड़े संकेत छिपे हैं?
खुलकर यदि बात करें तो क्या ऐसा नहीं लगता कि यह ईश्वरीय न्याय है? जो भारतीय जनता पार्टी नैतिकता की बात करते नहीं थकती, जो खुद को भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का वाहक मानती है। जो संस्कारों और आदर्शों की बात करती है, उस भाजपा ने मध्यप्रदेश में राज्य सभा की एक सीट पाने के लिए क्या क्या हथकंडे नहीं अपनाए। लेकिन जिस तरह से सारी परिस्थितियां, चाहे वे कर्म आधारित हों या भाग्य आधारित, उसके खिलाफ जा रही हैं, क्या उनसे ऐसा नहीं लगता कि ईश्वर के दरबार में भी भाजपा के प्रति अच्छी धारणा नहीं है!
मैंने कहा ना, कि यह समय ऐसी बातें करने का नहीं है, लेकिन मैं अपने आपको रोक नहीं पाया इसलिए, मन की बात लिख दी। हो सकता है मेरी बात का बहुत से लोगों को बुरा लगे, मैं उनसे माफी चाहता हूं, लेकिन एक बार मेरी बात पर गौर करके जरूर देखिएगा…