मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अब ‘ओम’ को बताया आस्‍था के खिलाफ

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21 जून को आयोजित होने वाले योग दिवस को लेकर आयुष मंत्रालय का एक नया आदेश विवाद में फंस सकता है। मंत्रालय ने कहा है कि 21 जून को योग के दौरान ऊँ मंत्र का जाप जरूरी होगा। सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने इस आदेश पर अमल करवाने के लिए पूरी तैयारी भी कर ली है। योग दिवस के दौरान कुल 45 मिनट का कार्यक्रम होगा। इसमें 6 मिनट गर्दन और कंधे से जुड़े आसन होंगे। दो मिनट प्रार्थना होगी और इसके बाद 23 योग आसन किए जाएंगे। इस दौरान कार्यक्रम में भाग लेने वाले हर व्‍यक्ति के लिए ऊँ मंत्र का जाप जरूरी होगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का सुझाव दिया था और उसी के तहत पिछले साल 21जून को पहला योग दिवस अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मनाया गया था।

आस्था के खिलाफ है आदेश

आयुष मंत्रालय के निर्देश का विरोध भी शुरू हो गया है। कोलकाता के मुस्लिम धर्मगुरु शफीक काजी ने कहा कि ये फैसला धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है। इस तरह का कदम मोदी सरकार द्वारा सत्ता का गलत इस्तेमाल है, और हमारी आस्था में दखल है। ये देश के सभी लोगों की आस्था एक छतरी के नीचे लाने की योजना का एक हिस्सा है। वहीं फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने सरकार के इस फैसले का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि जो ऊँ का उच्चारण नहीं करना चाहते, वो कुछ और बोल लें। कुछ लोग हर चीज का राजनीतिकरण करना चाहते हैं।

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