नई दिल्ली, मई 2016/ विश्व के सबसे ख़तरनाक आतंवादी संगठन आईएसआईएस ने कन्हैया जेएनयू विवाद को भी अपनी घुसपैठ का निशाना बनाया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़ फोड़ और आगजनी के लिए उसने कुछ युवको से संपर्क भी साधा था। ये बड़ा खुलासा एनआईए द्वारा पकड़े गये कुछ आतंकियो ने किया है। आतंकियों ने बताया कि उन्हें जेएनयू विवाद में हो रहे प्रदर्शनों में घुसकर मौके का फायदा उठाने के लिए कहा गया था। आईएस से जुड़े संगठन ‘जुनुद अल खलीफा-ए-हिंद (जेकेएच) के लिए युवकों की भर्ती करने वाले आशिक अहमद उर्फ राजा, मोहम्मद अब्दुल अहद और मोहम्मद अफजल के बयान से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के हुगली में रहने वाले 19 साल के आशिक अहमद उर्फ राजा को कन्हैया की गिरफ्तारी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में शामिल होकर गाड़ियां जलाने और तोड़फोड़ करने के लिए कहा गया था।
19 फरवरी को जब देशद्रोह के आरोप में कन्हैया को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा गया तो देश के कई विश्वविद्यालयों में कन्हैया की गिरफ्तारी के लिए विरोध में धरना प्रर्दशन हुए। इसी दौरान आतंकी संगठन आईएस के अहमद अली ने पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के 19 वर्षीय आशिक अहमद उर्फ राजा से संपर्क साधा और कहा कि इन प्रदर्शनों में शामिल होकर वाहनों में आग लगा दे और तेल के टैंकरों का पेट्रोल बम के तौर पर उपयोग करे।
इन तीनों के बयान को एनआईए ने भारतीय दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत दर्ज किया है। अपने बयान में इन्होंने स्वीकार किया है इन लोगों की तुमकुर, बैंगलोर, पश्चिम बंगाल तथा पंजाब में इनकी बैठकें हुई थी और ये उसमें शामिल हुए थे।