नई दिल्ली, मई 2016/ मालेगांव धमाकों के मामले में एनआईए ने महत्वपूर्ण कदम उठाकर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को क्लीन चिट देते हुए उन पर से मकोका हटा लिया है।
शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की स्पेशल कोर्ट में दूसरी चार्जशीट फाइल की गई। चार्जशीट में मामले की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी गई है और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) की धाराएं हटा ली गई हैं। बताया जा रहा है कि उन पर अब अनलॉफुल एक्टीविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट (यूएपीए) लगाया जाएगा और यूएपीए कोर्ट में ही चार्जशीट पेश की जाएगी। जानकारी के मुताबिक तीन अन्य आरोपियों को भी एनआईए ने क्लीनचिट दे दी है। जांच एजेंसी का दावा है कि इन्हें मालेगांव धमाकों की साजिश की जानकारी नहीं थी। एनआईए के डीजी शरद कुमार ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ उपयुक्त सबूत न मिलने पर मकोका की धाराएं हटाई गई हैं। उम्मीद है कि फिलहाल जेल में बंद प्रज्ञा जल्द रिहा हो जाएंगी।
सूत्रों के मुताबिक चार्जशीट में कहा गया है कि इस मामले की जांच करने में महाराष्ट्र के पूर्व एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे ने गड़बड़ की थी। हेमंत करकरे मुंबई में हुए 26/11 के हमलों में मारे गए थे। चार्जशीट में दूसरे प्रमुख आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ सबूत गलत थे और गवाहों के बयान दबाव में लिए गए थे। हालांकि, एनआईए की चार्जशीट में पुरोहित मुख्य आरोपी बने रहेंगे। जानकारी के मुताबिक चार्जशीट में कहा गया है कि एटीएस ने 2008 में पुरोहित की गिरफ्तारी के वक्त उसके घर पर आरडीएक्स रखा था। कहा जा रहा है कि एनआईए अधिकारियों ने इस बात का सबूत होने का दावा भी किया है।
उल्लेखनीय है कि 2008 में हुए 2 धमाकों में 7 लोगों की मौत हुई थी। एनआईए ने इस केस में 14 लोगों को आरोपी बनाया था। एनआईए की चार्जशीट में हिंदू संगठन के सदस्यों को आरोपी बनाए जाने के बाद समझौता एक्सप्रेस धमाके समेत कई केसों की जांच भी बदल गई थी। समझौता एक्सप्रेस धमाके में 68 लोग मारे गए थे। तीन साल पहले महाराष्ट्र एटीएस ने मामले की जांच का जिम्मा एनआईए से ले लिया था। महाराष्ट्र एटीएस ने मामले में चार्जशीट भी फाइल कर दी थी। एनआईए ने सभी आरोपियों, गवाहों और सबूतों की फिर से जांच की साथ ही कई लोगों के नए सिरे से बयान भी दर्ज किए गए।
किसने क्या कहा-
हमें पता है कि केंद्र सरकार मालेगांव धमाकों के आरोपियों को बचाना चाहती है, क्योंकि सरकार के आरोपियों से संबंध हैं, पर सरकार शहीद करकरे का नाम खराब न करे।
-दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव
एनआईए और सीबीआई केंद्र सरकार के इशारे पर काम करती है और उन्हें कहा गया है कि भगवा लोगों को बचाया जाए।
प्रशांत भूषण, वरिष्ठ वकील