भोपाल। किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री श्रीकांत जेना से मध्यप्रदेश के लिए माँग अनुरूप यूरिया उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया है। डॉ. कुसमरिया ने श्री जेना को लिखे एक पत्र में बताया कि रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदेश के लिये माह अक्टूबर, 2012 में यूरिया की माँग 2 लाख 41 हजार मीट्रिक टन के विरुद्ध 2 लाख 50 हजार मीट्रिक टन का एलोकेशन जारी किया गया है।

इसके साथ 16 अक्टूबर, 2012 की स्थिति में प्रोरेटा बेसिस पर 1 लाख 29 हजार मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त होना था। इसके विरुद्ध अभी तक 1 लाख 5 हजार मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध हुआ है।

डॉ. कुसमरिया ने पत्र में भारत सरकार को खरीफ-2012 में प्रदेश की आवश्यकता के अनुसार डी.ए.पी. काम्पलेक्स, यूरिया और एम.ओ.पी. उपलब्ध करवाने तथा आगामी रबी 2012-13 के लिये प्रदेश की माँग के अनुरूप डी.ए.पी. काम्पलेक्स, यूरिया और एम.ओ.पी. उपलब्ध करवाने के लिये सहमति देने पर प्रदेश के किसानों की ओर से धन्यवाद दिया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में सरसों, जबलपुर संभाग के अंतर्गत जबलपुर, नरसिंहपुर जिले में अर्किल मटर और इंदौर संभाग के अंतर्गत इंदौर, धार और उज्जैन संभाग के अंतर्गत उज्जैन, शाजापुर, देवास, रतलाम जिलों में आलू की बोनी प्रारंभ होने से यूरिया की माँग बढ़ गई है।

डॉ. कुसमरिया ने अपने पत्र में एन.एफ.एल. कम्पनी द्वारा आगामी एक सप्ताह में उत्पादित समस्त यूरिया मध्यप्रदेश को उपलब्ध करवाने के साथ ही कम्पनीवार यूरिया रेक पाइंट पर पहुँचाने का अनुरोध किया है। उन्होंने खासतौर से इफ्को, कटनी, हरपालपुर, बनापुरा, कच्छपुरा, आई.पी.एन. शाजापुर, शिवपुरी, विदिशा, देवास, दमोह, रीवा, सागर, नागार्जुन-सतना, ग्वालियर, शिवपुरी, विदिशा, सीहोर और कृभको-विदिशा, शाजापुर, कच्छपुरा रेक पाइंट पर यूरिया की रेक उपलब्ध करवाने का अनुरोध भारत सरकार से किया है।

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