भोपाल। मध्यप्रदेश में अधिक दूध देने वाली गायों के पशुपालकों को ‘गोपाल पुरस्कार’ योजना में पुरस्कृत किया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा पिछले साल से शुरू की गई इस योजना में भारतीय उन्नत नस्ल के गौ-वंशीय पशुओं के पालन को बढ़ावा देने और अधिक दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये यह योजना सभी जिलों में लागू है। योजना में अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाली गायों के पशु-पालकों को 5 हजार से 2 लाख रुपये तक के पुरस्कार दिये जायेंगे। योजना के अंतर्गत विकासखण्ड, जिला एवं राज्य-स्तर पर पशु मालिक पुरस्कृत होंगे। राज्य शासन ने आगामी 30 अक्टूबर तक पशु-पालकों से आवेदन बुलवाये हैं।
यह योजना सभी वर्ग के पशु-पालकों के लिए हैं। ऐसे पशु-पालक जिनकी भारतीय नस्ल की गाय प्रतिदिन 4 लीटर या उससे अधिक दूध देती हो, प्रतियोगिता में शामिल हो सकेंगे। ब्लॉक एवं जिला-स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में प्रतिदिन 4 लीटर या उससे अधिक दुग्ध देने वाली गाय को पंजीकृत किया जायेगा। प्रतियोगिता में भाग लेने वाली गाय के तीन समय के दुग्ध उत्पादन का औसत ही चयन का आधार होगा। सबसे अधिक दूध देने वाली गाय को पुरस्कृत किया जायेगा। गायों का चयन पुरस्कार के लिये गठित समिति द्वारा किया जायेगा।
विकासखण्ड-स्तर की प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 10 हजार, द्वितीय पुरस्कार 7,500 और तृतीय पुरस्कार 5 हजार रुपये का होगा। शासन ने ब्लॉक-स्तर पर प्रतियोगिता के आयोजन, पशुओं के लिये चारा-पानी, परिवहन तथा पशु-पालकों की व्यवस्था के लिये 10-10 हजार रुपये की राशि उपलब्ध करवाई है। जिला-स्तरीय पहला पुरस्कार 50 हजार, दूसरा 25 हजार तथा तीसरा पुरस्कार 15 हजार रुपये का दिया जायेगा। साथ ही 5-5 हजार रुपये के 7 सांत्वना पुरस्कार भी दिये जायेंगे।
राज्य-स्तरीय प्रतियोगिता में 2 लाख का प्रथम, एक लाख का द्वितीय तथा 50 हजार रुपये का तृतीय पुरस्कार दिया जायेगा। इसके अलावा दस-दस हजार रुपये के सात सांत्वना पुरस्कार भी दिये जायेंगे। जिला-स्तर पर प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त पशु-पालकों के आवेदन राज्य-स्तरीय पुरस्कार के लिये भी संकलित किये जायेंगे। भारतीय नस्ल की 4 लीटर या उससे अधिक दूध देने वाली गायों के पशु-पालक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये अपने ब्लॉक की पशु-चिकित्सा संस्था या पशु-चिकित्सा सेवा विभाग के बालाघाट स्थित कार्यालय में आवेदन कर सकेंगे।