भोपाल, अक्टूबर 2015/ प्रतिकूल मौसम में खेती के जोखिम को कम करने व फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान बेहतर विकल्प के रूप में चना एवं मसूर के साथ सरसों की अंतरवर्ती खेती अपनाएं। यह सलाह किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जिले के किसानों को दी गई है।
सामयिक सलाह में बताया गया है कि चने की फसल को 2 सिंचाई और मसूर को एक सिंचाई की आवश्यकता होती है। चने की फसल 3 से 4 पानी और मसूर की फसल 2 से 3 पानी तक सह लेती है। सरसों की फसल एक पानी से लेकर 5 से 6 पानी तक भी खराब नहीं होती है। इसलिए किसानों को चना एवं मसूर के साथ सरसों की अंतरवर्ती खेती करने की सलाह दी गई।