भोपाल, अगस्त 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अपनी मातृ भाषा में बोलना हर व्यक्ति के लिये गौरव की बात है। हमारी मातृ भाषा और राजभाषा हिन्दी है। इसे बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार कृत संकल्प है। उन्होंने आमजन से हिन्दी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की अपील की।

मुख्यमंत्री 10 वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के सिलसिले में यहाँ न्यू मार्केट क्षेत्र में भ्रमण कर जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार भारत है जिसके अधिकतर लोग हिन्दी जानते हैं। अन्य देशों के लोग भी हिन्दी भाषा के प्रति आकर्षित होकर इसे सीख रहे हैं। हमारा सौभाग्य है कि 10वाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 से 12 सितम्बर तक भोपाल में होगा। यह हिन्दी को प्रोत्साहित करने के जन आंदोलन की शुरूआत करने का सुअवसर होगा।

विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन सहित देश-विदेश के हिन्दी प्रेमी शामिल होंगे। हमारा किसी भाषा से विरोध नहीं है बल्कि अन्य भाषाओं के साथ हिन्दी को बढ़ावा देना हमारा उद्देश्य है। इसके लिये मध्यप्रदेश से एक जन-आंदोलन की शुरूआत होगी। उन्होंने कहा कि अपनी मातृ भाषा हिन्दी में बात करना गौरव की बात है। प्रदेश में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए हिन्दी विश्वविद्यालय खोला गया है जिसके माध्यम से चिकित्सा एवं अभियांत्रिकी आदि की शिक्षा अब हिन्दी में हासिल की जा सकेगी।

मुख्यमंत्री ने व्यवसाइयों से अपील की कि वे अपने प्रतिष्ठानों के नाम पट्ट एवं संकेतक हिन्दी भाषा में लगायें। साथ ही अपने कार्य-व्यवहार में हिन्दी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। विचारों की सही ढ़ंग से अभिव्यक्ति अपनी मातृ भाषा में ही होती है। उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि गरीबों के कल्याण में मध्यप्रदेश सरकार देश में अग्रणी है।

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