भोपाल। मध्यप्रदेश भर से आए किसानों ने शनिवार 31 मार्च को भोपाल में बीटी कपास के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। इन किसानों का कहना है कि जब से उन्होंने बीटी कपास के बीजों का उपयोग करना शुरू किया है, तब से वे फसल में घाटा उठा रहे हैं। किसानों को यह सपना दिखाया गया था कि इस बीज से फसल में चमत्कार की हद तक इजाफा होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उलटे पैदावार साल-दर-साल कम हो रही है। बीटी कपास की खेती को इस साल एक दशक पूरा हो रहा है। इस अवधि में हजारों कपास उत्पादक किसान इसकी बढ़ती लागत और कम उत्पादन के चलते कर्ज के बोझ में दबकर आत्महत्या कर चुके हैं।

किसानों ने मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकार खेती में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बढ़ते दखल को रोके और बीटी बीजों पर प्रतिबंध लगाए। इस दौरान किसानों ने सामूहिक मंुडन कराया और आत्महत्या करने वाले किसानों को श्रृद्धांजलि भी दी। विरोध प्रदर्शन में बीज स्वराज अभियान, लोक जागृति मंच झाबुआ और नर्मदा बचाओ आंदोलन धार से जुड़े सदस्य और किसान शामिल रहे। बीज स्वराज अभियान के संयोजक निलेश देसाई ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे बायोटेक नियमन विधेयक के विरोध में सैकड़ों किसानों की ओर से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी दिया गया।

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