भोपाल। मध्यप्रदेश में बेहतर पॉवर मैनेजमेंट के सुचारु तथा कारगर क्रियान्वयन को अपनाने अन्य राज्यों की जिज्ञासा बढ़ी है। इसी कड़ी में झारखण्ड राज्य बिजली बोर्ड की दो सदस्यीय टीम कम्पनी के अभियंताओं से पॉवर एक्सचेंज की बारीकियों को सीखने जबलपुर प्रवास पर हैं।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों झारखण्ड के प्रमुख सचिव ऊर्जा विमल कीर्ति सिंह ने कम्पनी के प्रबंध संचालक मनु श्रीवास्तव से पॉवर एक्सचेंज के अनुभव और बारीकियों की झारखण्ड राज्य बिजली बोर्ड के अभियंताओं को जानकारी देने का अनुरोध किया था। मध्यप्रदेश एवं एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी (पूर्व में मध्यप्रदेश पॉवर ट्रेडिंग कम्पनी) वर्ष 2008 से देश में शुरू हुई पॉवर एक्सचेंज की अवधारणा को क्रियान्वित करने वाला प्रमुख राज्य तथा पॉवर यूटिलिटी में से एक है।

अभियंताओं को समग्र पॉवर मैनेजमेंट, एनर्जी बैंकिंग, पॉवर एक्सचेंज, पॉवर प्रोजेक्शन, एनर्जी एनालिसिस की सैद्धांतिक तथा व्यावहारिक बारीकियों की जानकारी दी गई। झारखण्ड के अधीक्षण अभियंता श्री अक्षय कुमार तथा सहायक अभियंता श्री रिमिल टोपनो ने प्रशिक्षण को उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उनके राज्य में पॉवर एक्सचेंज का नया आयाम स्थापित होगा। झारखण्ड के अभियंताओं को पॉवर एक्सचेंज के डे-अहेड, वीक-अहेड, इन्ट्रा-डे और डे-अहेड कन्टीजेंसी के अंतर्गत बिजली के क्रय-विक्रय को सुचारु रूप से करने के लिये प्रशिक्षण दिया जा रहा है। समग्र पॉवर मैनेजमेंट प्रशिक्षण के तहत कम्पनी के कार्यपालक निदेशक श्री के.सी. बड़कुल, महाप्रबंधक श्री सूर्यबलि और अतिरिक्त महाप्रबंधक श्री एस.डी. सिंह ने अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया।

अभियंताओं को प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि ऑनलाइन पॉवर एक्सचेंज के दौरान बिजली के क्रय-विक्रय में पारदर्शिता रहती है, जो वर्तमान में आवश्यक है। पॉवर एक्सचेंज प्रक्रिया के संबंध में बताया गया कि विश्लेषण पक्ष सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहता है। इसके माध्यम से बिजली की कमी या सरप्लस को समझ कर ही बिजली का क्रय या विक्रय किया जाता है। अभियंताओं को पॉवर एक्सचेंज क्रियान्वयन प्रक्रिया की जानकारी भी दी गई।

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