भोपाल, मार्च 2015/ राज्य शासन ने सूचना प्रौद्योगिकी की सभी परियोजनाओं के तकनीकी मूल्यांकन, प्रस्ताव के अनुमोदन और विभिन्न चरणों के क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन की मॉनीटरिंग के लिए गठित साधिकार समिति को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की मॉनीटरिंग का जिम्मा भी दिया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।

साधिकार समिति सूचना प्रौद्योगिकी आधारित परियोजनाओं की निम्न टर्म्स ऑफ रिफरेन्स पर मॉनीटरिंग करेगी।

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस परियोजना, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एवं राज्य शासन के विभिन्न विभाग द्वारा संचालित ई-गवर्नेंस आधारित समस्त मिशन मोड प्रोजेक्ट्स की समीक्षा। यह परियोजनाएँ भले ही भारत सरकार के किसी भी मंत्रालय/विभाग के माध्यम से वित्त पोषित हों, इनका अनुश्रवण राज्य स्तर पर साधिकार समिति द्वारा किया जायेगा।

रुपये 10 करोड़ एवं उससे अधिक के निवेश वाली सूचना प्रौद्योगिकी आधारित परियोजनाओं (आयोजना मद से वित्त पोषित योजनाओं को सम्मिलित करते हुए) के प्रस्तावों के अनुमोदन, कार्यान्वयन के विभिन्न चरण में परियोजनाओं का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन।

राज्य में विकसित ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर (स्टेट डेटा सेन्टर, स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क एवं नागरिक सुविधा केन्द्र आदि) के प्रभावी प्रबंधन एवं उपयोग के लिये नीति निर्धारक निकाय के रूप में कार्य करना।

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्थापित किये जाने वाले उद्यमों (लायसेंसधारियों) को राईट ऑफ वे की स्वीकृतियाँ एक समयबद्ध कार्यक्रम के जरिये एक ही स्थान पर प्रदान किये जाने हेतु कार्य करना।

इसके अलावा साधिकार समिति स्टेट डेटा सेन्टर, स्टेट वाइड एरिया, नेशनल नॉलेज नेटवर्क, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल, टेली समाधान (कॉल सेन्टर), जीआईएस, लेब परियोजना, नेशनल ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क, एसएसडीजी एवं स्टेट पोर्टल, एमपी ऑनलाइन परियोजना, ई-टेंडरिंग परियोजना, ई-उपार्जन परियोजना, आई.टी. पार्कस्/आई.टी. एइर्सजेड की स्थापना, ई-पंचायत परियोजना, समग्र सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम, वार्षिक ई-गवर्नेंस एक्शन प्लान के अनुमोदन एवं अनुश्रवण और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की समीक्षा भी करेगी। साथ ही मुख्य सचिव की अनुमति से समय-समय पर जोड़े गये अन्य विषय भी साधिकार समिति के कार्यक्षेत्र में होंगे।

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