भोपाल, मार्च 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश को इज ऑफ डूइंग बिजनेस में नंबर एक बनाया जायेगा। प्रदेश में उद्योग-व्यापार को बढ़ाने नियम, कानून और प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जायेगा। अनावश्यक अनुमतियाँ समाप्त की जायेंगी। मुख्यमंत्री यहाँ प्रशासन अकादमी में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस विषयक कार्यशाला के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश विकास दर में देश के सभी बड़े राज्यों की तुलना में प्रथम स्थान पर है। प्रति व्यक्ति आय वृद्धि की दर भी देश में सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में है। कृषि के क्षेत्र में प्रदेश ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। प्रदेश की कृषि विकास दर देश में ही नहीं दुनिया में सर्वाधिक है। अब खेती के साथ हमारा ध्यान उद्योगों में निवेश बढ़ाने पर है। प्रदेश की समृद्धि के लिये औद्योगिक विकास आवश्यक है। पिछले दिनों इन्दौर में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बेहतर परिणाम मिले हैं। मध्यप्रदेश देश और दुनिया में इन्वेस्टमेंट के सबसे अच्छे डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। प्रदेश में उद्योग जगत का विश्वास बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के लिये सिंगल डोर पालिसी लागू की गयी है। प्रक्रियाओं का सरलीकरण और श्रम कानूनों में सुधार किया गया है। प्रदेश में स्व-घोषणा की व्यवस्था भी लागू की गयी है। बाबजूद इसके अभी सुधार की बड़ी गुंजाइश है। प्रति सोमवार को उद्योगपतियों से भेंट के दौरान कई ऐसे मसले, समस्याएँ सामने आती हैं जिनका निराकरण सरलता से प्रशासनिक स्तर पर किया जा सकता है। प्रशासन प्रदेश में आने वाले निवेशकों पर विश्वास रखकर कार्रवाई करे। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में दूसरे देशों और प्रदेशों में जो बेहतर हो रहा है उसे सीखें और प्रदेश में लागू करें। पूरी गंभीरता से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें। यह कार्यशाला इस दिशा में अनूठा प्रयोग साबित होगी।
श्री चौहान ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत का स्थान नीचे होने के संबंध में प्रधानमंत्री की चिंता का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार के 98 बिन्दु निर्धारित किये हैं। इन सब बिन्दुओं पर कार्यशाला में व्यापक विचार-विमर्श कर ऐसे सुझाव दिये जायें, जो देश और दुनिया के लिये उदाहरण बनें।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिये मेक इन एम.पी. शुरू किया गया है। निवेशकों के लिये सिंगल डोर पालिसी लागू की गयी है। प्रदेश में निवेश के लिये बेहतर वातावरण बना है। राज्य में निवेश और व्यवसाय को सुगम बनाने यह कार्यशाला की गयी है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश बेहतर काम करेगा।
मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा ने कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिये 150 मुद्दे चिन्हित किये गये हैं जिन पर ध्यान दिया जायेगा। कार्यशाला में मंत्रीगण, विभाग प्रमुख, मैदानी अधिकारी तथा उद्योग और व्यापार संघों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कार्यशाला में विभिन्न विषय पर 18 सत्र होंगे। कार्यशाला में उद्योग, व्यापार और रोजगार, श्रम, प्रदूषण नियंत्रण, नगरीय विकास एवं पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वित्त एवं वाणिज्यिक कर, कृषक कल्याण एवं कृषि विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, ऊर्जा एवं नवकरणीय ऊर्जा, जल संसाधन, उच्च एवं स्कूली शिक्षा, राजस्व विषय पर अलग अलग समूहों में खुली चर्चा हुई