भोपाल, दिसम्बर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मानवता के प्रति भोपाल गैस त्रासदी जैसा अपराध दुनिया में फिर कहीं नहीं हो, इसका संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी शहर को तीन दिसंबर 1984 का भोपाल फिर नहीं बनने देंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ बरकतउल्ला भवन (सेंट्रल लायब्रेरी) में भोपाल गैस त्रासदी की 30वीं बरसी पर श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे।

श्री चौहान ने कहा कि विकास और पर्यावरण दोनों में संतुलन जरूरी है। प्रकृति के सीमा से अधिक शोषण होने पर त्रासदी होती है। विकास की अंधी दौड़ में हमें सुरक्षा को नहीं भूलना चाहिये। उन्होंने कहा कि गैस प्रभावितों के बेहतर इलाज और पुनर्वास का दायित्व सरकार और समाज का है।

श्रद्धांजलि सभा में सनातन, इस्लाम, सिक्ख, ईसाई जैन, बौद्ध तथा बोहरा धर्म के धर्माचार्यों द्वारा पाठ किया गया। गैस त्रासदी में दिवंगतों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी। कार्यक्रम में गृह मंत्री बाबूलाल गौर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, विधायक विश्वास सारंग, नगर निगम सभापति कैलाश मिश्रा,  रमेश शर्मा ‘गुट्टू भैय्या’ सहित जन-प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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