भोपाल, सितम्बर 2014/ मध्यप्रदेश में उर्वरक संयंत्र, पॉलीमर पार्क, इस्पात संयंत्र और अंतर्राष्ट्रीय-स्तर का औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित होंगे। यह निर्णय नई दिल्ली में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार, इस्पात मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान तथा उर्वरक राज्य मंत्री निहालचंद और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में लिया गया।

राज्य में स्थापित और स्थापित होने वाले उद्योगों की सहूलियत के लिये आज की बैठक के यह फैसले इंदौर में आगामी 8-10 अक्टूबर को होने वाली ग्लोबल इनवेस्टर समिट की कामयाबी में मील का पत्थर साबित होंगे।

बैठक में इन विषयों पर काम करने के लिये मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा के समन्वय में केन्द्र सरकार के उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय तथा पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय के अधिकारियों का एक संयुक्त कार्य-समूह गठित किया गया है। इस समूह की 30 सितम्बर को भोपाल में बैठक होगी। कार्य-समूह में सेल एवं गेल के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

बैठक में भोपाल में घर-घर कुकिंग गैस पहुँचाने, मध्यप्रदेश में उर्वरक संयंत्र, इस्पात संयंत्र, राष्ट्रीय-स्तर के फार्मेसी, शिक्षण एवं शोध संस्थान की स्थापना, बीना-ओमान रिफायनरी के उत्पादन में वृद्धि, प्लास्टिक विज्ञान संबंधी प्रशिक्षण संस्थान की छात्र क्षमता 4000 से 7000 सालाना करने, पॉलीमर पार्क स्थापित करने जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं को धरातल पर लाने की दिशा में गंभीर मंथन हुआ। उल्लेखनीय है कि प्लास्टिक विज्ञान संबंधी प्रशिक्षण संस्थान के शत-प्रतिशत छात्रों को रोजगार मिलता है।

बैठक में मध्यप्रदेश में पेट्रो रसायन उत्पादों की उपलब्धता की दृष्टि से बीना तेल शोधन संयंत्र की क्षमता प्रथम चरण में 6000 एमएमटीपीए से बढ़ाकर 8000 तथा बाद में 15 हजार एमएमटीपीए करने का लक्ष्य तय किया गया। इससे प्रदेश में औद्योगीरण के प्रयासों को गति मिलेगी।

बैठक में प्रदेश में कृषि की विकास दर 24.99 प्रतिशत तक होने जैसे कीर्तिमान को ध्यान में रखते हुए उर्वरक का कारखाना लगाने पर जोर दिया गया। इस दिशा में गेल की सूरत-पारादीप गैस पाइप लाइन से जबलपुर में एक गैस आधारित उर्वरक कारखाना लगाने का निर्णय लिया गया।

भोपाल में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी की तर्ज पर राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नीपर) की स्थापना शीघ्र करने पर भी विचार हुआ। इसके लिये भोपाल में जमीन चिन्हित की जा रही है। बैठक में छतरपुर जिले में गुणवत्तायुक्त लौह अयस्क की उपलब्धता को देखते हुए सेल को इस्पात संयंत्र की स्थापना के संबंध में यथोचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। ग्वालियर के निकट पॉलीमर पार्क की स्थापना का भी प्रस्ताव किया गया। बालाघाट जिले में विश्व का सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाला मेगनीज पाया जाता है। इसका उत्पादन बढ़ाने और मूल्य संवर्धन भी राज्य में ही करने पर बल दिया गया।

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