भोपाल, सितंबर 2013/ स्नातक पाठ्यक्रम में अध्ययनरत गरीब एवं मेधावी विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने उच्च शिक्षा कोष गठित किया गया है। विद्यार्थी के परिवार की आजीविका चलाने वाले व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु, गम्भीर बीमारी से पीड़ित, गम्भीर दुर्घटनाग्रस्त होने पर अथवा परिवार के आय के साधन नष्ट हो जाने पर आश्रित विद्यार्थी को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जायेगी।
उच्च शिक्षा कोष के संचालन के लिये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शासी निकाय और प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में प्रबंधन समिति गठित की जायेगी। शासी निकाय की बैठक महीने में कम से कम एक बार और प्रबंधन समिति की दो बार होगी। कोष में राज्य शासन द्वारा दिये गये अंशदान एवं अन्य स्त्रोतों से मिलने वाली राशि को सुरक्षित रखते हुए केवल इस राशि से मिलने वाले ब्याज से ही आर्थिक सहायता दी जायेगी।
प्रदेश के ऐसे परिवार जिनकी आर्थिक वार्षिक आय 4 लाख 50 हजार से अधिक नहीं है, उनके स्नातक पाठ्यक्रम में पढ़ने वाले बच्चे आर्थिक सहायता के पात्र होंगे। बारहवीं या उपाधि पाठ्यक्रम में प्रवेशित कक्षा की अर्हताकारी अंतिम परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक प्राप्तांक होने पर पूर्ण शिक्षा शुल्क एवं निर्वहन राशि 24 हजार रुपये प्रतिवर्ष दी जायेगी। यह राशि प्रतिवर्ष एक लाख रुपये से अधिक नहीं होगी। विद्यार्थी को विगत वर्ष की परीक्षा में उत्तीर्ण होना और नियमित अध्ययनरत होना जरूरी है। वर्ष में उपलब्ध राशि के अनुपात में अधिक आवेदन आने पर विद्यार्थी का चयन मेरिट के आधार पर किया जायेगा। आर्थिक सहायता के लिये आवेदन निर्धारित प्रपत्र में संबंधित विभाग में ऑनलाइन प्राप्त किये जायेंगे।