भोपाल, सितंबर 2013/ प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के जरिये अब तक एक लाख 79 हजार 246 वनवासियों को उनकी भूमि के अधिकार-पत्र वितरित किये जा चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा अब वन अधिकार प्राप्त हितग्राहियों के आर्थिक उन्नयन के लिये उन्हें विभिन्न विभाग की योजनाओं से लाभान्वित करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। वनवासियों के खेतों में सिंचाई सुविधा के उद्देश्य से अब तक कपिलधारा योजना में 43 हजार कुँओं का निर्माण भी किया गया है। इसके साथ ही सहकारिता विभाग द्वारा वनवासियों को खेती में ऋण सुविधा लेने के लिये क्रेडिट कार्डों का भी वितरण किया गया है।
मध्यप्रदेश की गिनती वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में श्रेष्ठ राज्यों में होती रही है। प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के तहत एक लाख 90 हजार 925 दावे मान्य किये गये हैं। इनमें आदिवासी वर्ग के एक लाख 66 हजार 441, अन्य वर्गों के 2305 और सामुदायिक दावों से संबंधित 10 हजार 500 प्रकरण में भी दावे मान्य किये गये हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग ने कलेक्टरों को उनके जिले में शेष रहे वनवासियों के अधिकार-पत्र वितरित किये जाने के संबंध में शीघ्र कार्यवाही करने को कहा है।