भोपाल, सितंबर 2013/ वन मंत्री सरताज सिंह की अध्यक्षता में यहाँ मध्यप्रदेश टाइगर फाउण्डेशन सोसायटी की ग्यारहवीं बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में बताया गया कि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित 109 गाँव के पुनर्वास के लिये मध्यप्रदेश ने 14वें वित्त आयोग के तहत 3400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव स्वीकृति के लिये भेजा है। इससे वन्य-प्राणी क्षेत्र में रहने वाले बाघ सहित अन्य वन्य-प्राणियों और कोर-एरिया में रहने वाले ग्राम-वासियों के विकास को गति मिल सकेगी। प्रदेश में ऐसे कुल 821 गाँव थे, जिनमें से 118 गाँव का पुनर्वास किया जा चुका है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक आर.एस. नेगी और सचिव मध्यप्रदेश टाइगर फाउण्डेशन सोसायटी एवं मुख्य वन्य-प्राणी अभिरक्षक नरेन्द्र कुमार भी बैठक में उपस्थित थे।

वन मंत्री ने निर्देश दिये कि जन-साधारण को बाघ संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिये सोसायटी द्वारा प्रतिवर्ष एक बार कार्यक्रम किया जाये। यह कार्यक्रम हर वर्ष अलग-अलग टाइगर रिजर्व में हो। कार्यक्रम में बाघ संरक्षण में उल्लेखनीय रुचि लेने वाले लोगों को पुरस्कृत भी किया जाये। सोसायटी की बैठक नियमित हो। बैठक में राष्ट्रीय उद्यानों में संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा वन्य-प्राणियों को गोद लेने की योजना पर भी चर्चा की गई।

मध्यप्रदेश टाइगर फाउण्डेशन सोसायटी का मुख्य उद्देश्य विलुप्त हो रहे वन्य-प्राणी विशेषकर बाघ का संरक्षण करना, बाघ के रहवास क्षेत्रों को विनाश एवं विखण्डन से बचाना, बाघ के प्राकृतिक संरक्षण के लिये आवश्यक अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण में सहयोग देना और नागरिकों को जैव-विविधता संरक्षण के महत्व से अवगत करवाना है। बाघ संरक्षण के लिये सोसायटी देशी, विदेशी नागरिक, संस्थाओं से सामग्री एवं नगद दान लेने के लिये सक्षम है।

म.प्र. टाईगर फाउण्डेशन सोसायटी शुल्क

व्यक्तिगत सदस्यता शुल्क रु. 2,500 वार्षिक रु. और एक लाख आजीवन

संस्था सदस्यता शुल्क रु. 50,000 वार्षिक

आजीवन संस्था सदस्यता शुल्क  रु. 10 लाख

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